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कहानी बदलाव की...सलीम से सलमा तक का सफर तय कर बनीं ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर वकील

सलमा ने कहा कि, "2021 में, ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होने के बाद, मुझे अपना आधार कार्ड मिला, जिससे मुझे कुछ करने का विश्वास मिला और इसलिए मैंने इस उम्मीद के साथ लॉ कोर्स करने का फैसला किया कि एक दिन मैं बड़बिल कोर्ट में अपने गृहनगर में अभ्यास करूंगी."

सलमा बेगम सलमा बेगम
हाइलाइट्स
  • ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट लगने के बाद मिला आधार कार्ड

  • ओडिशा के कानून मंत्री ने दी शुभकामनाएं

हमारा समाज बदल रहा है, इस बदलाव की तरफ बढ़ते हुए इस समाज ने कई नई चीजों को भी अपनाया है. आज बदलाव की एक ऐसी ही कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं. ये कहानी है सलमा बेगम की. सलमा बेगम ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर वकील हैं. सलमा का नाम पहले मोहम्मद सलीम था, लेकिन फिर उन्होंने अपने आप को पहचाना और अब समाज में वो सलमा बेगम के नाम से जानी जाती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसा रहा सलीम का सलमा बनने तक का सफर. 

सलमा बेगम की कहानी
सलमा ओडिशा के क्योंझर जिले की रहने वाली हैं. क्योंझर जिले खानों (mines) में समृद्ध माना जाता है. सलमा राज्य की पहली ट्रांसजेंडर वकील हैं. सलमा का जन्म ले सलमा नहीं थी, वो भुयन रोइडा में मोहम्मद सलीम के रूप में जन्मी. उन्हें उनकी माँ ने पाला था क्योंकि कम उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. सलीम का जन्म को पुरुष के शरीर में हुआ था, लेकिन हमेशा से उन्हें इस शरीर में घुटन महसूस होती थी. 2015 में साइंस स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करने के दौरान वह ट्रांसजेंडर नेता मीरा परिदा से मिलने राजधानी भुवनेश्वर आईं, परिदा ने उन्हें ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद आने और मिलने की सलाह दी. परिदा के साथ वह मुलाकात सलीम के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, उस मुलाकात ने उन्हें डर को दूर कर वास्तविकता को स्वीकार कर खुलकर सामने आने की ताकत दी. वैसे तो हमारा समाज काफी हद तक बदल चुका है, लेकिन जब सलमा लॉ का कोर्स कर रही थीं, उस वक्त उन्हें काफी जिल्लत झेलनी पड़ी थी. वो अपने बैचमेट्स के साथ किसी भी पार्टी या पिकनिक में शामिल नहीं हो पाती थीं. लेकिन उन्हें खुद पर काफी भरोसा था. उन्होंने क्योंझर के प्रभास मंजरी लॉ कॉलेज से 2021 में एलएलबी पूरी की. फिर ओडिशा बार काउंसिल में पंजीकरण करवा लिया. उसके बाद सलमा को बड़बिल कोर्ट में प्रैक्टिस करने का बार लाइसेंस मिला. अब सोमवार को प्रैक्टिसिंग एडवोकेट के रूप में शामिल होने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं.

ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट लगने के बाद मिला आधार कार्ड
इंडिया टुडे से बात करते हुए सलमा ने कहा कि, "2021 में, ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू होने के बाद, मुझे अपना आधार कार्ड मिला, जिससे मुझे कुछ करने का विश्वास मिला और इसलिए मैंने इस उम्मीद के साथ लॉ कोर्स करने का फैसला किया कि एक दिन मैं बड़बिल कोर्ट में अपने गृहनगर में अभ्यास करूंगी." इससे पहले सलमा ने ओडिशा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस के पद के लिए आवेदन करने के बाद सुर्खियां बटोरीं थी. जिसका परिणाम अभी आना बाकी है, इस बीच सलमा ने अपनी लॉ की डिग्री पूरी कर ली है और सोमवार से प्रैक्टिसिंग वकील के रूप में शामिल हो जाएंगी.

ओडिशा के कानून मंत्री ने दी शुभकामनाएं
इंडिया टुडे से बात करते हुए, ओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना ने कहा- यह जानकर अच्छा लगा कि सभी बाधाओं को तोड़ते हुए सलमा को कोर्ट में अभ्यास करने के लिए ओडिशा बार काउंसिल से लाइसेंस मिला है. मैं उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.

सलमा ने की सभी माता-पिता से अपील
सलमा ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चों को वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं, उन्होंने कहा कि सामाजिक कलंक के बावजूद, हमें समाज से मिली भद्दी टिप्पणियों और उपेक्षा की परवाह किए बिना जीना होगा. इसलिए माता-पिता के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चों को समाज में जीने के लिए समर्थन दें.

(मोहम्मद सुफियान की रिपोर्ट)