
भारत में वर्क कल्चर को लेकर समय-समय पर बात होती रहती है. लेकिन जब काम करने वाले सूबे की बात आती है तो सबसे पहला नंबर राजधानी दिल्ली का आता है. हालांकि पर्यटकों को लुभाने वाला गोवा दूसरे नंबर पर है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के नेशनल सर्वे के मुताबिक रोजाना काम करने के मामले में नागालैंड के लोग सबसे पीछे हैं.
सबसे ज्यादा काम करते हैं दिल्लीवाले-
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने साल 2024 में टाइम यूज सर्वे किया. इस सर्वे के मुताबिक दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा काम करते हैं. दिल्लीवाले रोजाना 563 मिनट रोजगार और उससे जुड़ी गतिविधियों में खर्च करते हैं. इसका मतलब है कि दिल्लीवाले रोजाना साढ़े 9 घंटे से ज्यादा समय तक काम करते हैं. अगर पूरे देश की बात की जाए तो 440 मिनट का वक्त काम पर खर्च होता है. यानी रोजाना साढ़े 7 घंटे काम होता है.
पर्यटकों को लुभाने वाला गोवा भी है बेस्ट-
टाइम यूज सर्वे में सबसे ज्यादा हैरान करने वाला राज्य गोवा सामने आया है. गोवा सबसे ज्यादा कामकाजी राज्यों के मामले में दूसरे नंबर पर है. गोवा के लोग कामकाज पर रोजाना 536 मिनट खर्च करते हैं. इसका मतलब है कि गोवा के लोग रोज करीब 9 घंटे काम करते हैं. गोवा ने पिछले दिनों के मुकाबले इस बार काम पर बहुत ज्यादा फोकस किया है. साल 2019 में इस सर्वे में गोवा के लोग रोजाना काम पर 367 मिनट ही खर्च करते थे. लेकिन अब गोवा वाले ज्यादा काम कर रहे हैं.
गोवा में महिलाएं काम करने में पुरुषों से आगे हैं. गोवा की महिलाएं रोजगार और उससे जुड़ी गतिविधियों में सबसे ज्यादा वक्त बिताती हैं. गोवा की महिलाएं रोजाना 509 मिनट काम करती हैं. महिलाओं के मामले में दिल्ली 407 मिनट के साथ दूसरे और मेघालय 397 मिनट के साथ तीसरे नंबर पर है. महिलाएं सबसे कम काम बिहार में करती हैं. बिहार में महिलाएं सिर्फ 256 मिनट, नागालैंड में 257 मिनट और उत्तर प्रदेश में 271 मिनट काम करती हैं.
नॉन-सैलरीड काम में महिलाएं काफी आगे-
अगर पुरुषों और महिलाओं के कामकाज की बात की जाए तो कुछ खास अंतर नहीं है. पुरुषों की बात की जाए तो वो रोजाना 473 मिनट काम पर खर्च करते हैं, जबकि महिलाएं 341 मिनट काम करती हैं. हालांकि जब बात नॉन-सैलरीड काम की बात आती है तो महिलाएं काफी आगे हैं. महिलाएं भोजन बनाना, साफ-सफाई करना, घरेलू रख-रखाव, फैमिली के लिए खरीदारी करने जैसे काम के लिए रोजाना 289 मिनट खर्च करती हैं. जबकि पुरुष इन गतिविधियों में सिर्फ 88 मिनट खर्च करते हैं.
कई देशों में होते हैं ऐसे सर्वे-
भारत में टाइम यूज सर्वे पहली बार 2019 में किया गया था. दूसरा सर्वे साल 2024 में जनवरी से दिसंबर के बीच किया गया था. जिसका रिजल्ट अब सामने आया है. इस सर्वे में 1.39 लाख फैमिली और 6 साल से अधिक उम्र के 4.54 लाख लोगों को शामिल किया गया था.
टाइम यूज सर्वे में ये पता लगाया गया है कि लोग विभिन्न गतिविधियों में कितना समय खर्च करते हैं. इसमें बच्चों की देखभाल, काम, वॉलंटियर और सोशल मेलजोल में कितना वक्त बिताते हैं. सर्वे का पहला मकसद महिलाओं और पुरुषों का सैलरीड और नॉन-सैलरीड गतिविधियों में भागीदारी का आंकलन करना है.
पिछले 3 दशक में दुनिया के कई देशों में इस तरह का सर्वे किया. अमेरिका ने 2003 में नेशनल सर्वे शुरू किया था. जबकि ऑस्ट्रेलिया ने साल 1992 में ही इस तरह का सर्वे शुरू किया था. कनाडा इस तरह का सर्वे साल 1961 से ही कर रहा है. जर्मना, ऑस्ट्रिया और इजरायल जैसे देश भी इस तरह के सर्वे कराते हैं.
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