मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपल्स मूवमेंट ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि एमएनएफ को सिर्फ 10 सीटों से संतोष करना पड़ा है. इस चुनाव में एक और रिकॉर्ड बना. पहली बार मणिपुर चुनाव में 3 महिलाओं ने जीत दर्ज की है. बेरिल वन्नेइहसांगी ने आइजोल साउथ-3 से जीत दर्ज की है. बेरिल मिजोरम की सबसे कम उम्र की महिला विधायक बनी हैं. चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं.
सबसे कम्र उम्र की महिला विधायक-
बेरिल वन्नेइसांगी मिजोरम की सबसे कम उम्र की महिला विधायक बनी है. बेरिल 32 साल की हैं. बेरिल ने आइजोल साउथ-3 से जीत हासिल की है. बेरिल जोरम पीपल्स मूवमेंट की उम्मीदवार थीं. बेरिल को कुल 9370 वोट मिले. जबकि एमएनएफ के उम्मीदवार एफ. लालराममाविया को 7956 वोट मिले. इस तरह से बेरिल ने 1414 वोटों से जीत हासिल की.
कौन हैं बेरिल वन्नेइहसांगी-
बेरिल वन्नेइहसांगी ने शिलॉन्ग के नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. उनके पिता का नाम वानरोचुआंगा है. वो एक मशहूर टीवी एंकर रही हैं. चुनाव आयोग में हलफनामे के मुताबिक उनका कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. इससे पहले उन्होंने आइजोल नगर निगम में पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं. बेरिल वन्नेइहसांगी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 250k फॉलोअर्स हैं.
इन महिलाओं ने भी जीता है चुनाव-
बेरिल वन्नेइहसांगी के अलावा दो और महिला उम्मीदवारों ने मिजोरम विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. जेडएमपी की उम्मीदवार लालरिनपुई और एमएनएफ की प्रावो चकमा ने भी जीत हासिल की है. लालरिनपुई ने लुंगलेई ईस्ट से कांग्रेस के उम्मीदवार जोसेफ लालहिंपुया को हराया. लालरिनपुई ने 1646 वोटों से जीत हासिल की.
मिजो नेशनल फ्रंट की प्रावो चकमा ने वेस्ट तुईपुई पर 711 वोटों से जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के निहार कांति चकमा को हराया. प्रावो चकमा को 7167 वोट मिले, जबकि निहार कांति को 6456 वोट मिले. मिजोरम विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 3 महिलाओं ने चुनाव जीता है. इससे पहले साल 2013 और 2018 विधानसभा चुनाव में कोई भी महिला विधायक नहीं बनी थी.
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