केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए पोर्टल लॉन्च करने जा रही है. वैसे प्रवासी मजदूर जो शहर में रहते हैं लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है. जैसे खाना बनाने वाली, सुरक्षा गार्डों और निर्माण श्रमिकों के अलावा अन्य जरूरतमंदों के लिए यह पोर्टल काम करेगी. सरकार का उद्देश्य उनको राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सब्सिडी के अंदर कम कीमत में राशन उपलब्ध कराना है. रिपोर्ट की मानें तो इस पोर्टल की शुरुआत जल्द ही हो सकती है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और बायोमेट्रिक पहचान के बाद मिलेगा लाभ
अधिकारियों के अनुसार इस पोर्टल के जरिए एक करोड़ से अधिक व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाया जा सकता है. बता दें कि वर्तमान में लगभग 79.7 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी वाला राशन मिल रहा है. जबकि लगभग 81 करोड़ लोग इस योजना के पात्र हैं. राशन कार्ड बनवाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. इसलिए जिनके पास आवासीय प्रमाण पत्र नहीं है उनको इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता. ऐसे में पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और उसके बाद बायोमेट्रिक पहचान के बाद राशन कार्ड बनाया जा सकेगा. केंद्र सरकार इसके लिए संबंधित राज्य सरकारों को ऐसे व्यक्तियों को राशन कार्ड जारी करने के बारे में कहेगी. एक बार रजिस्ट्रेशन और बायोमेट्रिक पहचान हो जाने के बाद संबंधित राज्यों के कोटे से इसे जोड़ा जाएगा. और फिर जरूरतमंद इस योजना का लाभ उठा पाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के बारे में बोलते हुए कहा था कि देश के निर्माण में प्रवासी की भूमिका महत्वपूर्ण है. ऐसे में उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती. केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं प्रवासी श्रमिकों तक पहुंचनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि राशन कार्ड से प्रवासी राशन ले पाएं इसके लिए एक तंत्र विकसित किया जाए. अब केंद्र की मोदी सरकार इस योजना को धरातल पर लाने के लिए पोर्टल लॉन्च करने जा रही है.