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कोरोना वैक्सीन के कमर्शियल एक्सपोर्ट को जल्द मिल सकती है मंजूरी, स्टॉक देखते हुए फैसला लेगी सरकार

केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ही कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को दोबारा शुरू किया है. माना जा रहा है कि वैक्सीन की कमर्शियल सप्लाई भी जल्द शुरू की जा सकती है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22 करोड़ से ज्यादा कोरोना के वैक्सीन हैं जिनका इस्तेमाल अभी नहीं हुआ है. ऐसे वैक्सीन को कमर्शियल एक्सपोर्ट के लिए मंजूरी दी जा सकती है.

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हाइलाइट्स
  • देश में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन तेजी से हो रहा है

  • दिसंबर में 33 करोड़ डोज से ज्यादा सप्लाई की उम्मीद

केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन के कमर्शियल एक्सपोर्ट को जल्द मंजूरी दे सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22 करोड़ से ज्यादा कोरोना के वैक्सीन हैं जिनका इस्तेमाल अभी नहीं हुआ है. ऐसे वैक्सीन को कमर्शियल एक्सपोर्ट के लिए मंजूरी दी जा सकती है.

म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश और ईरान को शुरू हुई सप्लाई
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ही कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को दोबारा शुरू किया है. माना जा रहा है कि वैक्सीन की कमर्शियल सप्लाई भी जल्द शुरू की जा सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीरम इंस्टिट्यूट को कोविशील्ड के एक करोड़ डोज एक्सपोर्जट करने की इजाजत दी है. भारत ने म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश और ईरान को फिर से कोरोना वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है. इन देशों को पिछले 8 महीने से वैक्सीन की सप्लाई बंद थी.

जल्द सरप्लस होगा भारत
सूत्र के बताया कि देश में वैक्सीन का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. देश में जल्द ही कोरोना वैक्सीन की सरप्लस सप्लाई होगी. अगर वैक्सीन का एक्सपोर्ट नहीं करेंगे तो फिर उसका क्या करेंगे. नवंबर में 30 करोड़ डोज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए लेकिन सिर्फ 8.8 करोड़ डोज ही लोगों को लगाए जा सके.

अगले महीने 33 करोड़ डोज से ज्यादा सप्लाई की उम्मीद
दिसंबर में वैक्सीन का उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन के 31 करोड़ डोज की सप्लाई होने की उम्मीद है. इसके अलावा जाइकोव-डी के भी 2 करोड़ डोज दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा कॉरबेवैक्स भी दिसंबर तक इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकता है.

सप्लाई शुरू होने से दूसरे देशों में भी तेज होगा वैक्सीनेशन
देश में जिस रफ्तार से कोरोना के वैक्सीन लगाए जा रहे हैं उसके हिसाब से वैक्सीन का उत्पादन ज्यादा तेजी से हो रहा है. वैक्सीन के लिए योग्य लोगों में 81% लोगों को पहली डोज और 42% लोगों को दोनों डोज लग चुकी है. ऐसे में वैक्सीन की डिमांड अब पहले की तुलना में थोड़ी कम है. हालांकि, दुनिया के कई देशों में अभी वैक्सीन की किल्लत है. सप्लाई शुरू होने से बाकी देशों में भी तेजी से वैक्सीनेशन हो सकेगा.