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PM Modi की महिला किसानों को बड़ी सौगात, Drone देगी बीजेपी सरकार, खेती करने में मिलेगी मदद, आय में होगा इजाफा

Prime Minister Mahila Kisan Drone Centre: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लाल किले से महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त बनाने की घोषणा की थी. उसी कड़ी में अब महिलाओं को खेती के लिए ड्रोन दिए जाएंगे.

पीएम मोदी की महिला किसानों को सौगात (फाइल फोटो) पीएम मोदी की महिला किसानों को सौगात (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र की शुरुआत

  • 10-15 गांवों का एक समूह बनाया जाएगा

मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसी दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराने की एक केंद्रीय योजना को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ संवाद करेंगे और इस अवसर पर वह प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र और देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 किए जाने के अभियान की भी शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी.
 
विकसित भारत संकल्प यात्रा
मोदी ने 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से पूरे देश में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की थी. इसका यह उद्देश्य है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं के लाभ से कोई वंचित न रह जाए और समयबद्ध तरीके से सभी लक्षित लाभार्थियों तक यह पहुंचे. महिलाओं के नेतृत्व में विकास सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को रेखांकित करते हुए पीएमओ ने कहा, इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए मोदी 'प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र' की शुरुआत करेंगे. यह केंद्र महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करेगा ताकि इस तकनीक का उपयोग उनके द्वारा आजीविका सहायता के लिए किया जा सके.

इस तरह महिला लाभार्थी का किया जाएगा चयन 
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि ड्रोन के लिए 1,261 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इस योजना का मकसद वर्ष 2024-25 से 2025-2026 के दौरान किसानों को कृषि उद्देश्य के लिए 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन मुहैया कराना है. उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत गठित कुल 89 लाख एसएचजी में से लाभार्थी महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा. 

राज्यों में ऐसे स्थानों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए प्रगतिशील 15,000 महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा. ड्रोन की खरीद के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क के लिए 8,00,000 रुपए तक की केंद्रीय वित्त सहायता प्रदान की जाएगी. 

उर्वरक कंपनियों की ओर से 500 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे
एसएचजी के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा फाइनेंसिंग सुविधा (एआईएफ) के तहत ऋण के रूप में शेष राशि (खरीद की कुल लागत घटाकर सब्सिडी) बढ़ा सकते हैं. ठाकुर ने कहा कि उर्वरक कंपनियों की ओर से करीब 500 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे. शेष 14,500 ड्रोन अगले दो वर्षों में केंद्रीय सहायता के जरिए उपलब्ध कराए जाएंगे. 

उन्होंने बताया कि एक ड्रोन और उसके सामान की कुल लागत लगभग 10 लाख रुपए है. लागत का करीब 80 प्रतिशत या आठ लाख रुपए तक केंद्र की ओर से प्रदान किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि ड्रोन पायलट को 15,000 रुपए और सह-पायलट को करीब 10,000 रुपए का मानदेय मिलेगा. 

वाणिज्यिक फसलों को दिया जाएगा महत्व 
अनुराग ठाकुर ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल के लिए 10-15 गांवों का एक समूह बनाया जाएगा. करीब 1,000 हेक्टेयर भूमि ड्रोन संचालन के लिए उपलब्ध होगी. इसमें वाणिज्यिक फसलों को महत्व दिया जाएगा. बयान के अनुसार, महिला एसएचजी के एक सदस्य को 15-दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा. इसमें पांच दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और कृषि उद्देश्य के लिए अतिरिक्त 10-दिवसीय प्रशिक्षण शामिल है. 

उर्वरक और कीटनाशकों का किया जाएगा छिड़काव
अनुराग ठाकुर ने कहा, यह योजना पीएम मोदी की 'लखपति दीदी' पहल के हिस्से के रूप में महत्वपूर्ण है. इस ड्रोन योजना के माध्यम से ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव में दक्षता में सुधार करेंगे. योजना के तहत स्वीकृत पहल 15,000 एसएचजी को स्थायी व्यवसाय तथा आजीविका सहायता प्रदान करेगी. इससे महिलाएं प्रति वर्ष कम से कम 1,00,000 रुपए की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होंगी. 

जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ेगी
प्रधानमंत्री देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के लिए कार्यक्रम भी शुरू करेंगे. महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करने और जन औषधि केंद्रों की संख्या 25,000 करने संबंधी पहल की घोषणा प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान की थी. पीएमओ ने कहा, यह कार्यक्रम इन वादों को पूरा करने का प्रतीक है.