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Weather Update: उत्तर भारत में दो दिन हुई भारी बारिश की ये है वजह, केदारनाथ त्रासदी से है कनेक्शन

दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. दिल्ली में पिछले दो दिन में हुई बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

Heavy rains in Delhi NCR Heavy rains in Delhi NCR
हाइलाइट्स
  • भारी बारिश का केदारनाथ से क्या है कनेक्शन 

  • हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही तबाही

देश की राजधानी, दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले दो दिन हुई बारिश ने हालात खराब कर दिए हैं. यह 41 सालों में पहली बार हुआ है जब दिल्ली एनसीआर में इतनी ज्यादा बारिश हुई है कि प्रशासन को बाढ़ अलर्ट जारी करना पड़ा है. दिल्ली और गुड़गांव में छह लोगों की मौत हो गई, और सड़कों और घरों में पानी भर जाने, मकान ढहने, पेड़ गिरने जैसी घटनाओं से पूरा एनसीआर अस्त-व्यस्त हो गया.  

राजधानी के सफदरजंग में रविवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश है. अगले नौ घंटों में, यहां 105.8 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. 13 सालों में यह पहली बार था कि सफदरजंग, दिल्ली बेस स्टेशन ने लगातार दो दिनों तक 100 मिमी से ज्यादा बारिश होने की सूचना दी. और तो और जुलाई के शुरुआती 8 दिनों में उत्तर भारत में मानसून सीजन की कुल बारिश से 2 फीसदी ज्यादा पानी बरसा है. इससे देशभर की बारिश की कमी पूरी हो गई है. 

इस भारी बारिश का केदारनाथ से क्या है कनेक्शन 
पिछले दो दिनों में उत्तर भारत में हुई भारी बारिश के पीछे वजह है - मानसूनी हवाओं और एक पश्चिमी विक्षोभ - का घातक संगम, जिसके कारण दिल्ली एनसीआर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. आपको बता दें कि साल 2013 में उत्तराखंड में आई घातक बाढ़ भी इस तरह के संगम का परिणाम थी. 

साल 2013 के मिड-जून में, एक पश्चिमी विक्षोभ ने बंगाल की खाड़ी से आने वाले लॉ-प्रेशर सिस्टम से उत्तर की ओर नमी खींच ली. इस केकारण न केवल मानसून पूरे देश में रिकॉर्ड समय (16 जून तक) में पहुंच गया, बल्कि केदारनाथ में बादल फटने सहित उत्तराखंड में प्रलयंकारी बारिश भी हुई. रिपोर्टों के अनुसार, उस जलप्रलय के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में 5,000 से ज्यादा लोग मारे गए और 5,00,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए. 

जलमग्न हुए दिल्ली एनसीआर के कई इलाके

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने टीओआई से कहा, "पहाड़ों में इस तरह के दो सिस्टम के मिलने से बहुत ज्यादा बारिश होती है क्योंकि हवाएं पहाड़ियों से टकराती हैं और ऊपर उठती हैं, जिससे भारी वर्षा होती है." वहीं, यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के कीरन एम आर हंट ने भारत में दो मौसमों के बीच इस तरह के इंट्राक्शन पर स्टडी की है. उन्होंने टीओआई को बताया कि गर्म होती दुनिया में इन संगमों के कारण होने वाली बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है. हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि इस तरह के इंट्राक्शन की फ्रिक्वेंसी बढ़ेगी या घटेगी क्योंकि इस पर कोई स्पष्ट ट्रेंड नहीं है। हालांकि, यह जरूर निश्चित है कि जब भी ऐसा कुछ होगा तो तेज बारिश और बाढ़ की संभावना हो सकती है.  

ढह गए लोगों के मकान 
दिल्ली एनसीआर में पिछले 36 घंटों में, लगभग 260 मिमी बारिश हुई, जो जुलाई के पूरे महीने में सामान्य से 32% ज्यादा बारिश है. राजधानी में लोगों के घरों के ढहने और पेड़ उखड़ने की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए. 

दिल्ली अग्निशमन सेवा को मकान ढहने से संबंधित 13 शिकायतें मिलीं, जिनमें सात लोगों को बचाया गया, जबकि तीन की जान चली गई. एक ऑटो रिक्शा चालक की गाड़ी पर पेड़ गिरने से मौत हो गई. गुड़गांव में 24 घंटे में 145 मिमी बारिश हुई, बारिश के दौरान एक तालाब में नहाते समय दो लोग डूब गए. 

हिमाचल प्रदेश में हुई सबसे ज्यादा तबाही 
भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में 17 लोगों की मौत हुई, जबकि यूपी, पंजाब और राजस्थान के मैदानी इलाकों में पांच लोगों की मौत हुई. मनाली में दुकानों के बह जाने और हिमाचल के कुल्लू में ब्यास नदी के किनारे पार्क किए गए वाहनों के बाढ़ से बह जाने की दुखद खबरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां  सात जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. 

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (State Emergency Operation Centre) ने 14 बड़े भूस्खलन और 13 फ्लश फ्लड्स की सूचना दी है, जिसके कारण 700 से ज्यादा रोड बंद हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से मकानों, इमारतों को नुकसान पहुंचा और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. मनाली, कुल्लू, किन्नौर और चंबा में अचानक आई बाढ़ में कुछ दुकानें और वाहन भी बह गए, क्योंकि रावी, ब्यास, सतलुज, स्वान और चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. 

...अभी जारी रहेगी बारिश
मौसम विभाग के एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर भारत में भारी बारिश जारी रहेगी. हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली में सोमवार को ज्यादा से बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना है. दिल्ली में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख, चरण सिंह ने बताया कि पहाड़ों पर पहले की तरह बारिश जारी रहेगी. हालांकि, मैदानी इलाकों में तीव्रता कम होगी, फिर भी बारिश का अनुमान है. 

दिल्ली-एनसीआर में अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने की संभावना है. हालांकि, यहां अगले चार से पांच दिनों तक बारिश होगी लेकिन इसकी तीव्रता कम रहेगी. वहीं, अगले 24 घंटों में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना है. इन हालातों को देखते हुए दिल्ली में स्कूल-कॉलेजों की छूट्टी कर दी गई है. गुरुग्राम, गाजियाबाद आदि में भी स्कूल बंद हैं और ऑफिस जाने वालों के लिए वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी जारी की गई है.