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Sidhu Moosewala को मारने की पहले भी हो चुकी थी प्लानिंग...लेकिन अंत में इस वजह से हुआ फेल

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के 9 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है. हत्या को लेकर यूं तो तमाम गैंग का नाम सामने आ रहा है लेकिन गोली किसने चलाई इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. अब खबर है कि तीन से चार महीने पहले भी सिद्धू को मारने का प्लान बनाया जा रहा था जो किसी कारणवश फेल हो गया था.

Who killed Sidhu Moosewala Who killed Sidhu Moosewala
हाइलाइट्स
  • महीनों पहले की थी रेकी

  • दिसंबर से बना रहे थे प्लान

पंजाब के मानसा में 29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सि्दधू की हत्या के बाद से ही उनकी मौत को लेकर आए दिन नए खुलासे होते आ रहे हैं. हत्या में लिप्त होने के लिए कई गैंग का नाम इसके पीछे आ रहा है. यहां तक की मुखबिर का नाम भी अभी तक सामने नहीं आया है. सिद्धू की अचानक हत्या ने उनके लाखों करोड़ों फैंस को शॉक कर दिया. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सिद्धू को मारने के लिए प्लान बनाया गया हो. इस पर पहले भी कई खुलासे हो चुके हैं.

महीनों पहले की थी रेकी
सिद्धू की मौत के 9 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है और बिना किसी सबूत के काम कर रही है. इससे पहले दिल्ली के एक कथित अपराधी शाहरुख ने महीनों पहले सिद्धू के घर और अन्य जगह की रेकी की थी. हालांकि शाहरुख का ये प्लान कई कारणों से फेल हो गया. इसके पीछे कई वजह थीं, पहली सिद्धू को मारने के लिए लंबी रेंज शूटिंग वाली बंदूक की जरूरत थी, मूसेवाला हमेशा अपने सुरक्षाकर्मियों से घिरे रहते थे और प्लान बी बनाने से पहले ही 25 अप्रैल को शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया.

हिंदुस्तान टाइम्स ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा, यह दिलचस्प है कि कैसे पंजाब के लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह ने शाहरुख की पहचान की और उसे अपनी योजना में शामिल किया. एक तरफ जहां बिश्नोई और बराड़ अपराध की दुनिया में अपने कारनामों के लिए कुख्यात हैं और सोशल मीडिया पर उनके फैन पेज भी हैं. वहीं शाहरुख के बारे में बहुत कम जानकारी है. 

दिसंबर से बना रहे थे प्लान
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी, जो अप्रैल में शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ करने वाली टीम का हिस्सा थे ने कहा, “शाहरुख ने पूछताछ में खुलासा किया कि पिछले साल दिसंबर में बिश्नोई और बराड़ ने उसे मूसेवाला को मारने का काम सौंपा था. इसके लिए उसके साथ गिरोह के सात अन्य सदस्यों ने 4-5 दिनों के लिए पंजाबी गायक के घर के आसपास उसकी रोज की गतिविधियों की रेकी की थी.

शाहरुख के इकबालिया बयान का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा, “उन्होंने कहा कि पंजाब की जेल में बंद जग्गू भगवानपुरिया नाम का एक गैंगस्टर, जो बिश्नोई और बराड़ गिरोह से भी जुड़ा हुआ है ने वादा किया था कि वह मूसेवाला के सुरक्षा कर्मियों पर इस्तेमाल करने के लिए एक “बेयर स्प्रे” नाम का एरोसोल स्प्रे उपलब्ध कराएगा. उनका मकसद स्प्रे के जरिए मूसेवाला के सिक्योरिटी गॉर्डों को निष्क्रिय करना था ताकि वो जवाबी हमला न कर पाएं. हालांकि, बियर स्प्रे कभी दिया नहीं गया और शाहरुख और अन्य साथियों ने लॉन्ग रेंज शूटिंग हथियारों के बगैर हमले को अंजाम देने और अपनी जान जोखिम में डालने से इनकार कर दिया.”

दिल्ली पुलिस ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने पंजाब पुलिस को जनवरी में मूसेवाला पर किए जाने वाले फेल अटैक के बारे में उन्हें सूचित किया था. शाहरुख का कबूलनामा भले ही सच हो लेकिन कानून की अदालत में स्वीकार्य नहीं है क्योंकि उसे पुलिस हिरासत में लिया गया था.

कौन है शाहरुख?

दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, शाहरुख का जन्म दक्षिणी दिल्ली के मदनगीर में 1994 में एक गरीब परिवार में हुआ था. उसके माता-पिता मजदूर थे. एक किशोर के रूप में उसने भी मजदूरी का काम शुरू किया लेकिन उसे अपनी नौकरी कभी पसंद नहीं आई. फिर वो एक स्थानीय गैंगस्टर, शिव शक्ति नायडू की कहानी से काफी ज्यादा प्रभावित हुआ. नायडू नाम का गैंगस्टर कथित तौर पर 2014 में मूलचंद फ्लाईओवर के पास हुई 8 करोड़ की डकैती में शामिल था. फरवरी 2020 में मेरठ में एक मुठभेड़ के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे मार गिराया था. नायडू के गिरोह की दक्षिणी दिल्ली के एक अन्य गैंगस्टर गैंग रवि गंगवाल से दुश्मनी थी.

पुलिस ने कहा,“इसी तरह शाहरुख भी अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. वह अखबारों और समाचार चैनलों में अपना नाम और तस्वीर छपते देखना चाहता था. उसने 10वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और सड़कों पर चोरी चकारी का काम करने लगा. शाहरुख को पता था कि नायडू अब खत्म हो चुकी ब्लूलाइन बसों में चोरी करता है इसिलए उसकी नजरों में आने के लिए उसने भी वहां चोरी का काम शुरू कर दिया.”