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बेटा साथ छोड़ चला तो बहू को आगे पढ़ाया, अब नौकरी लगी तो कर दिया कन्यादान

फतेहपुर शेखावाटी में एक महिला ने अपने बेटे की मौत के बाद अपनी बहू को पढ़ाया-लिखाया, लेक्चरर बनवाया और फिर एक अच्छा सा लड़का ढूंढ के उसकी शादी करवा दी.

सास बोली- तीन घरों की लक्ष्मी है सुनीता सास बोली- तीन घरों की लक्ष्मी है सुनीता
हाइलाइट्स
  • सास बोली- तीन घरों की लक्ष्मी सुनीता

  • बहू को बेटी की तरह अपने पास रखा

  • सुनीता बोली- सास ने बेटी की तरह प्यार दिया

शिक्षा सशक्तिकरण और आधी दूनिया का प्रयास ही नतीजा है कि समाजिक दृष्टिकरण में बदलाव नजर आने लगे हैं. नजरिया बदला तो समाजिक मुल्य और मुल्यवान  होकर उभरी सोच बदली.तो सामाजिक ताना बाना और मजबूत हुआ. फतेहपुर शेखावाटी की यह कहानी के इर्द गिर्द बुनी है. कल तक बहू और बेटी में फर्क रखने वाली नजरें अब दोनों के प्रति समभाव हो चुकी हैं. मामला फतेहपुर शेखावाटी का है. जहां सरकारी टीचर ने अपनी विधवा बहू की दूसरी शादी कर मिसाल पेश की है. सास ने बहू को बेटी की तरह विदा किया. टीचर के छोटे बेटे की शादी 2016 में हुई थी. शादी के 6 महीने बाद ही ब्रेन स्ट्रोक के कारण उसकी मौत हो गई थी. सास ने बहू को पढ़ाया- लिखाया और ग्रेड फर्स्ट की लेक्चरर बनाया.

फतेहपुर शेखाावाटी  के ढांढण गांव में कमला देवी के छोटे बेटे शुभम की शादी सुनीता से 25 मई 2016 को हुई थी. शादी के बाद शुभम MBBS की पढ़ाई करने के लिए किर्गीस्तान चला गया. जहां नवंबर 2016 में उसकी ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई. इसके बाद सास ने बहू को अपनी बेटी की तरह प्यार दिया. अब 5 साल बाद सास ने अपनी बेटी की तरह बहू की धूमधाम से दूसरी शादी की.

बिना दहेज लिए की थी शादी
शुभम और सुनीता किसी कार्यक्रम में एक-दूसरे से मिले थे. शुभम ने यह बात घर पर बताई तो उन्होंने शादी के लिए सुनीता के घर वालों से बात की. शादी के समय सुनीता के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी. उन्होंने सुनीता को बिना दहेज अपने घर की बहू बनाया.

सास बोली- तीन घरों की लक्ष्मी सुनीता
शिक्षिका कमला देवी ने बताया कि सुनीता ने पहले तो अपने माता-पिता के यहां जन्म लेकर उनके घर को खुशियों से भरा. शादी के बाद उनके घर में एक बेटे की तरह रही. शनिवार को मुकेश के साथ उसकी शादी हुई है. अब वह मुकेश के घर को भी खुशियों से भर देगी.

बहू को बेटी की तरह अपने पास रखा
कमला देवी के बड़े बेटे रजत बांगड़वा ने बताया कि छोटे भाई शुभम की मौत के बाद मां ने सुनीता को मुझसे ज्यादा प्यार किया. बदले में सुनीता ने मां की हर बात मानी. शुभम की मौत होने के बाद भी मां ने सुनीता को एमए, बीएड करवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई. पिछले साल सुनीता का चयन हिस्ट्री के लेक्चरर पद पर हुआ. फिलहाल वह चूरू जिले के सरदार शहर इलाके के नैणासर सुमेरिया में शिक्षिका है. सुनीता ने हमारे घर का ध्यान रखने के साथ ही अपने माता-पिता का भी पूरा ध्यान रखा. सुनीता ने अपने छोटे भाई को भी पढ़ाया.

सुनीता बोली- बेटी की तरह प्यार दिया
सुनीता ने बताया कि पति की मौत के बाद सास ने उसे एक बेटी की तरह प्यार दिया. सास ने नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए मुकेश से उसकी शादी करवाई है. सास ने बेटी की तरह उसका कन्यादान किया है. वह काफी खुश है.

मुकेश की पत्नी की सड़क हादसे में हुई थी मौत
रजत ने बताया कि सुनीता के पति मुकेश फिलहाल भोपाल में कैग ऑडिटर के पद पर कार्यरत है. मुकेश के परिवार में माता-पिता और भाई है, जो सीकर के चंदपुरा गांव में रहते हैं. मुकेश की पहली शादी पिपराली गांव निवासी सुमन बगड़िया से हुई, जिसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी. सुमन राजस्थान पुलिस में एएसआई थी.