scorecardresearch

Mother's Day 2024: इन स्कीम्स के जरिए मातृत्व का सशक्तिकरण कर रही है भारत सरकार, जानिए पूरी डिटेल

हर साल मई में Mother's Day मनाया जाता है. यह दिन बहुत खास है और इस खास मौके पर हम आपको बता रहे हैं भारत सरकार की ऐसी योजनाओं के बारे में जो खासतौर पर मां और बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर शुरू की गई हैं.

Mother's Day Special Mother's Day Special

इस दुनिया में मां सबसे खास होती है और इसलिए भगवान से भी पहले मां का दर्जा होता है. इसी मातृत्व को सम्मानित करने के लिए हर साल Mother's Day मनाया जाता है. इस साल मदर्स डे की थीम है- "Celebrating Motherhood: A Timeless Bond." इस साल मां और बच्चों को रिश्ते को सेलिब्रेट किया जाएगा. और भारत सरकार की ओर से मां-बच्चे के रिश्ते को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. आज इन स्कीम्स के बारे में हम आपको बता रहे हैं. 

1. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) भारत में एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य देश भर में गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से पहले बिना किसी शुल्क के अच्छी देखभाल प्रदान करना है. हर महीने के 9वें दिन गर्भवती महिलाओं के लिए मेडिकल केयर और सुविधाएं सुनिश्चित की जाती है. इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने इसके लिए रजिस्टर नहीं कराया है या अपॉइंटमेंट नहीं ले पायी हैं. यह प्रोग्राम दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान मिनिमम सर्विसेज का पैकेज देता है, जो हाई-रिस्क फैक्टर्स का पता लगाने और मैनेज करने पर ध्यान केंद्रित करता है. इसमें प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, चिकित्सक और निजी क्षेत्र के डॉक्टर शामिल हैं.

2. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत में एक सरकारी पहल है जो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक तौर पर मदद करती है. इसका लक्ष्य मातृत्व के दौरान इनकम लॉस को कम करना और इन महिलाओं के बीच बेहतर स्वास्थ्य देखभाल को प्रोत्साहित करना है. इस योजना के लिए पात्रता में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मांएं शामिल हैं जो केंद्र/राज्य सरकार या पीएसयू में कार्यरत नहीं हैं, और जिन्हें ऐसा कोई दूसरा फायदा नहीं मिल रहा है. 

सम्बंधित ख़बरें

3. जननी सुरक्षा योजना (JSY)
जननी सुरक्षा योजना (JSY) मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शुरू किया गया एक मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम है. 12 अप्रैल 2005 को प्रधान मंत्री द्वारा स्थापित, इसका उद्देश्य कम प्रदर्शन वाले राज्यों (LPS) पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित गर्भवती महिलाओं के बीच इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी को प्रोत्साहित करना है. एलपीएस में, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों या मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों में प्रसव कराने वाली सभी गर्भवती महिलाएं पात्र होती हैं, जबकि उच्च प्रदर्शन वाले राज्यों (HPS) में, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल)/अनुसूचित जाति(एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणियों की महिलाएं शामिल हैं. 

4. इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY)
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) भारत में एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम (Maternity Benefit Program) है जो 2010 में सरकार ने शुरू किया था और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इसे मैनेज करता है. इसके तहत 19 वर्ष या उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को उनके पहले दो बच्चों के जन्म के दौरान कंडीशनल कैश ट्रांसफर किया जाता है. जिसका उद्देश्य बच्चे के जन्म और बच्चे की देखभाल के दौरान होने वाली आय हानि की भरपाई करना है. यह योजना सुरक्षित प्रसव, उचित पोषण और स्तनपान को बढ़ावा देती है. 

5. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK)
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को मुफ्त और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. जून 2011 में लॉन्च होने के बाद से, इसमें देखभाल के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें मुफ्त डिलीवरी (सीजेरियन सेक्शन सहित), दवाएं, डायग्नोसिस, डाइट, ब्लड प्रोविजन, यूजर शुल्क से छूट और स्वास्थ्य संस्थानों से आने-जाने के लिए परिवहन शामिल है. इसके अतिरिक्त, इसे बीमार नवजात शिशुओं और शिशुओं के इलाज के लिए भी बढ़ाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें बिना पैसे की चिंता के जरूरी ट्रीटमेंट मिले. 

6. राष्ट्रीय क्रेच योजना
इसे पहले राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रेच योजना के रूप में जाना जाता था, यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है. यह प्रोग्राम कामकाजी माताओं के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समग्र विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से डेकेयर सुविधाएं प्रदान करता है. इसका लक्ष्य 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के बच्चे हैं, जिनकी माताएं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महीने में कम से कम 15 दिन या साल में 6 महीने के लिए कार्यरत हैं. यह योजना पारिवारिक आय के आधार पर प्रति बच्चा प्रति माह ₹20 से ₹200 तक शुल्क लेती है. आवश्यक दस्तावेजों में बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और पिछले 6 महीनों के लिए किसी सार्वजनिक संगठन में मां के रोजगार का प्रमाण शामिल है.