दिल्ली में अब बाइक टैक्सी नहीं चलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें नीति बनने तक बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स रैपिडो व उबर को लाइसेंस के बिना बाइक टैक्सी सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए पॉलिसी आने तक कैब एग्रीगेटर कंपनियों को बाइक सर्विस की इजाजत दे दी थी. दिल्ली सरकार ने फरवरी 2023 में ओला-उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बिना वैध लाइसेंस के बाइक टैक्सी के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार से सवाल पूछा है. कोर्ट ने पूछा कि कोई अधिसूचना किसी एक्ट पर कैसे हावी हो सकती है? इसपर बाइक टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी उबर के वकील नीरज किशन कौल ने दलील दी कि हरेक राज्य सरकार को इस बाबत नीति बनाने की शक्ति का प्रावधान संविधान में है लेकिन दिल्ली सरकार ने इस बाबत कोई गाइडलाइन या नीति बनाई ही नहीं है.
हजारों लोगों को मिलता है रोजगार
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66 में साफ लिखा है कि बिना वैध लाइसेंस के किसी भी व्यवसायिक वाहन के मालिक को वाहन नहीं दिया जा सकता. कौल ने दलील दी कि बिना नीति के अचानक बाइक टैक्सी बंद कर देने से दिल्ली एनसीआर में 35 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. कोर्ट ने कहा कि हम फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर अमल को स्टे कर देंगे. कौल ने कहा कि 31 जुलाई तक छूट दी जाए क्योंकि वहीं बाइक इनकी आजीविका का एकमात्र साधन है. कौल ने कहा कि हमारा पूरा धंधा और उससे जुड़े लोग प्रभावित हो रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत हमारे भी तो बुनियादी अधिकार हैं.
31 जुलाई तक लाइसेंसिंग नीति तैयार होगी
जब तक कोई स्कीम नहीं है इसी व्यवस्था को चलने दिया जाए. जब स्कीम आएगी तो हम उसमें आवेदन कर लेंगे. महाराष्ट्र में भी इसी शर्त पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नीति बनाए जाने तक यही व्यवस्था दी है. कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई वाहन बिना परमिट के रोड पर चल सकता है? कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने आश्वासन दिया है कि बाइक एग्रीगेटर्स के संचालन को विनियमित करने के लिए 31 जुलाई तक गाइडलाइन और लाइसेंसिंग नीति तैयार कर ली जाएगी.
निजी वाहनों का कमर्शियल इस्तेमाल गैरकानूनी
हजारों भारतीय हर दिन ट्रैवलिंग के लिए सस्ती मोटरबाइक टैक्सियों का उपयोग करते हैं. इससे सैकड़ों और हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है, इनमें से कई लोग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए अपनी निजी मोटरबाइक का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, निजी वाहनों का उपयोग भारत में कमर्शियल के तौर पर नहीं किया जा सकता है. भारत के मोटरबाइक टैक्सी बाजार का मूल्य $50.5mn (लगभग- 4,16,37,50,250 रुपये) था, और इसके 2030 तक लगभग $1.5bn तक पहुंचने की उम्मीद थी. कोर्ट के इस फैसले से इसकी मार्केट वैल्यू प्रभावित होगी.
जानिए और क्या है ऑप्शन
दिल्ली एनसीआर में बाइक टैक्सी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. बाइक टैक्सी ऑटो की तुलना में जाम में भी कम फंसती है. ऐसे में लोग इस पर ट्रैवल करना पसंद करते हैं. दिल्ली एनसीआर के बीच ऑटो सर्विस भी चलती है. ऐसे में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली में डीटीसी बसों और मेट्रो का संचालन भी लगभग हर रूट पर है. हालांकि बाइक टैक्सी में खर्चा कम आता है और समय भी बचता है.
कैसे काम करती है ये सर्विस
बाइक टैक्सी में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद जब आप अपनी बाइक से जिस रूट पर जा रहे हैं, वह आपको बताना पड़ता है. इसके बाद रूट पर आपके साथ जाने के लिए आपको रिक्वेस्ट भेजेगा. दोनों के रूट एक जैसे होने पर आप उसे एप की तरफ से तय किराये पर उसके स्टॉप तक छोड़ सकते हैं.
इनपुट-संजय शर्मा