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Mubarak Mandi Palace को कहा जाता है 'हार्ट ऑफ जम्मू', तीन शैलियों की दिखती है झलक, डोगरा राजवंश की शानो-शौकत का गवाह है यह राजमहल

Mubarak Mandi Palace Jammu: जम्मू और कश्मीर राज्य पर ज्यादातर डोगरा राजाओं का शासन रहा है. उन्होनें इस दौरान कई महलों का निर्माण करवाया. इसी का एक बेहतरीन नमूना मुबारक मंडी पैलेस है. ये जम्मू शहर में स्थित है. 

Mubarak Mandi Palace Mubarak Mandi Palace
हाइलाइट्स
  • राजा ध्रुव देव ने मुबारक मंडी पैलेस की रखी थी नींव

  • इस राजमहल को पूरा होने में लग गए थे 150 साल 

जम्मू स्थित मुबारक मंडी पैलेस को 'हार्ट ऑफ जम्मू' भी लोग कहते हैं. यह राजमहल आज भी डोगरा राजवंश की शानो-शौकत का गवाह है और इस बात का भी कि वे राजा भवन-निर्माण कला में कितनी रुचि रखते थे. राजा ध्रुव देव ने इसे बनाना शुरू किया था और इसे पूरा होने में 150 साल लग गए. बस, राजा बदलते रहे और राजमहल में नए-नए भवन जुड़ते गए. डोगरा शौर्य का प्रतीक ऐतिहासिक मुबारक मंडी पैलेस को होटल बनाने के सरकार के प्रस्ताव का लोग सोशल मीडिया पर जमकर विरोध कर रहे हैं. आइए आज इस पैलेस के इतिहास और भूगोल के बारे में जानते हैं. 

डोगरा राजाओं का हुआ करता था शाही आवास 
जम्मू पर ज्यादातर डोगरा राजाओं का शासन रहा है. उन्होनें इस दौरान कई महलों का निर्माण करवाया. इसी का एक बेहतरीन नमूना मुबारक मंडी पैलेस है. ये जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में स्थित है. यह पैलेस जम्मू बस स्टैंड से सिर्फ 1.5 किलोमीटर और जम्मू हवाई अड्डे से लगभग 5 किलोमीटर दूर है. यह अपने स्तंभों, गुंबदों और मेहराबों के साथ भव्यता को दर्शाता है. यह महल डोगरा राजाओं का शाही आवास हुआ करता था. इस महल की विशेष बात है यह कि इस महल को बनाने के लिए तीन निर्माण की शैलियों उपयोग किया गया है. इस महल में बेहतरीन शिल्पकारी की मिसाल के तौर पर कई सुंदर और उत्कृष्ट इमारतें हैं. महल का वास्तु यूरोपीय, मुगल और राजस्थानी शैली से लिया गया है, जो विभिन्न संस्कृतियों के अनूठे संगम को पेश करता है.

महल के अंदर कई छोटे-छोटे परिसर हैं मौजूद
इस महल का सबसे प्राचीन ढांचे का निर्माण 1800 की शुरुआत में हुआ था. तवी नदी के तट पर होने कारण इस महल की खूबसूरती में और चार चांद लग जाते हैं. इस महल के अंदर कई छोटे-छोटे परिसर मौजूद हैं. इस महल में दरबार हॉल कॉम्प्लेक्स, पिंक पैलेस, रॉयल कोर्ट बिल्डिंग, गोल घर कॉम्प्लेक्स, रानी चरक महल और हवा महल मुख्य हैं.

पर्यटकों को अपनी ओर करता है आकर्षित 
मुबारक मंडी पैलेस 1925 तक डोगरा शासकों की गतिविधियों का मुख्य केंद्र हुआ करता था. महल के गलियारों को देखकर ऐसा लगता है कि यहां शाही कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन किया जाता रहा होगा. इस महल में अबतक 36 बार आग लग चुकी है. 1980 और 2005 में यह महल भूकंप का भी शिकार हो चुका है. लेकिन अभी भी यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

जनाना महल : जनाना महल की दीवारों पर बनी कलाकृतियां, शीशे से हुआ काम, सजावटी छत असाधारण और अद्वितीय वास्तुकला का नमूना है. जनाना महल परिसर में छह इमारतें हैं. रानी बंद्राली महल, राजा अमर सिंह की रानियों का महल, रानी गुलेरी महल, रानी चाढ़की महल, राजा राम सिंह रानियों का महल और नवा महल.

पिंक हॉल : इस महल का सबसे आकर्षक केंद्र पिंक हॉल है. इस पिंक हॉल को अब डोगरा कला संग्रहलय में परिवर्तित कर दिया गया है. यहां पर अमूल्य कलाकृतियां और लेख प्रदर्शित किए गए हैं, जिसमें सम्राट शाहजहां की सुनहरी प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र है. यह संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है.

शीश महल : शीश महल पूरा कांच से बना हुआ है. कुछ समय के लिए इस महल के परिसर का उपयोग सरकारी कार्यालयों के रूप में किया जाने लगा था. जिसमें उच्च न्यायालय, लोकसेवा आयोग सहित दूसरे विभाग भी शामिल थे.

गोल घर कॉम्प्लेक्स : यह एक गोलाकार में बना हुआ है. यह परिसर के दक्षिणी भाग में स्थित है. यह चार मंजिला है और इससे तवी नदी दिखाई देती है. यह वर्ष 2005 के भूकंप के दौरान टूट फूट गया था. 

नया महल, हवा महल, रानी चरक पैलेस : ये सभी संरचनाएं एक ही परिसर का हिस्सा हैं और विभिन्न राजाओं की ओर से उनकी रानियों के लिए डिजाइन की गई थीं.