मुकेश अंबानी बिजनेस के इतिहास में सबसे महान बिजनेसमैन में से एक हैं. अपनी रणनीति और दिमाग से उन्होंने भारतीय उद्योगों का पूरा चेहरा ही बदल कर रख दिया है और भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में भी मदद की है. फिलहाल वह रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. फोर्ब्स वर्ल्ड बिलियनेयर्स लिस्ट में उन्हें 10वीं रैंक पर रखा गया है. उन्होंने धार्मिक रूप से अपने पिता धीरूभाई हीराचंद अंबानी के नक्शेकदम पर चलते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज की मजबूत नींव रखी.
एक अमीर कुलीन परिवार के बेटे ने अपनी मां कोकिलाबेन अंबानी से बिजनेस मैनेजमेंट स्किल, क्रांतिकारी रवैया, टीम वर्क में विश्वास और अनुशासन, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रवादी रवैया रखते हुए अपने पिता की काम में मदद की. यही कारण है कि आज मुकेश का रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, तेल, गैस और रिटेल जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है. उद्योग के साथ-साथ, वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की क्रिकेट टीम मुंबई इंडियंस के भी मालिक हैं.
मुकेश अंबानी की सफलता की कहानी
मुकेश अंबानी का परिवार 1970 के दशक में मुंबई में दो कमरों के घर में रहता था, लेकिन बाद में धीरूभाई ने मुंबई के कोलाबा इलाके में एक 14-मंजिल की इमारत (सी विंड) खरीदी, जहां मुकेश और अंबानी परिवार के अन्य सदस्य कई सालों तक रहे. मुकेश रिलायंस के संस्थापक और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के अध्यक्ष स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी के बेटे अनिल अंबानी के बड़े भाई हैं.
मुकेश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के पेडर रोड के हिल ग्रेंज हाई स्कूल में पूरी की. यहां मुकेश के करीबी आनंद जैन उनके सहपाठी थे और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी भी इसी स्कूल में पढ़ते थे. इसके बाद इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक मुकेश डी अंबानी ने यूएस में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए प्रोग्राम शुरू किया.
मुकेश को बीच में ही छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई
जब इंदिरा गांधी सरकार ने पीएफवाई (पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न) शुरू किया, तब रिलायंस ने भी लाइसेंस के लिए अपना दावा प्रस्तुत किया और टाटा, बिड़ला और 43 और दिग्गजों के बीच लाइसेंस लेने में सफल रही. धीरूभाई अंबानी ने एमबीए के बीच में पढ़ाई से मुकेश को पीएफए (पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न) फैक्ट्री के निर्माण के लिए बुलाया. उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और भारत आ गए और वर्ष 1981 में कारखाने का निर्माण शुरू कर दिया.
2008 में खरीदी थी मुंबई इंडियंस की टीम
अब, मुकेश अंबानी के नेतृत्व में, रिलायंस ने भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक, रिलायंस इन्फोकॉम लिमिटेड की स्थापना की. साथ ही, 2008 में, उनकी कंपनी 'रिलायंस इंडस्ट्रीज' ने 'द इंडियन प्रीमियर लीग' में 111.9 मिलियन डॉलर (मुंबई इंडियंस) की एक क्रिकेट टीम खरीदी. उन्होंने 'बैंक ऑफ अमेरिका कॉरपोरेशन' के निदेशक मंडल और 'विदेशी संबंध परिषद के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड' में कार्य किया. वहीं, 'भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर' (IIMB) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है.
इसके साथ ही उन्होंने बुनियादी स्तर पर जामनगर (गुजरात) में दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अब मुकेश अंबानी अपने परिवार के साथ दक्षिण मुंबई में दुनिया की सबसे महंगी 400,000 वर्ग फुट की इमारत 'एंटीला' में रहते हैं.
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