बिहार के कई इलाकों में अभी भी नक्सलियों का खौफ है. इस खौफ को पूरी तरह खत्म करने के लिए सीआरपीएफ ने नई प्लानिंग के साथ नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार की है. अभी सीआरपीएफ कोबरा 207 बटालियन के कैंप के जरिए इस साल के आखिर तक मुंगेर रेंज को नक्सल फ्री जोन बनाने में जुट गई है. सीआरपीएफ और जिला पुलिस की विशेष रणनीति तैयार है. इस रणनीति पर काम करने का ब्लू प्रिंट भी तैयार हो चुका है. नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पेसरा में कोबरा 207 बटालियन का कैंप बना दिया गया है. सीआरपीएफ के डीआईजी विमन विष्ट और मुंगेर रेंज के डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि सुरक्षाबलों की रणनीति पूरी तरह तैयार है और जल्द इसे अमल में लाया जाएगा.
मुंगेर जिला बनेगा नक्सल फ्री जोन
सीआरपीएफ के डीआईजी और मुंगेर रेंज के पुलिस के डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि मुंगेर जिले को नक्सल मुक्त जिला बनाने के कई नीतियों को साझा किया गया है. नक्सलियों के खिलाफ विशेष ऑपरेशन के लिए हुई इस बैठक में एसपी जलारेड्डी और कोबरा 207 बटालियन के कमांडेट रवि शंकर भी उपस्थित रहे. इस दौरान सीआरपीएफ के डीआईजी विमल विष्ट ने कहा कि पेसरा में कैंप स्थापित करना हमारी रणनीति का एक हिस्सा है. पहले शहर से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जाता था. दो-तीन दिन अभियान चलने के बाद पुन: बंद कर दिया जाता था. लेकिन इस बार नक्सलियों के गढ में कैंप स्थापित कर हमलोग लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलायेंगे.
नक्सलियों के पास रहकर सुरक्षा बल कार्रवाई करेंगे
विमल विष्ट के मुताबिक नक्सलियों की हर प्लानिंग पर नजर रखी गई है. उनके पास रहकर अब सुरक्षा बल कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि नक्सलियों को हर हाल में जंगल छोड़ना होगा. उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. या तो वे सरेंडर कर दें, नहीं तो कार्रवाई भुगते उन्हेोंने कहा कि सीआरपीएफ सिविक एक्शन प्लान चलाकर लोगों के बीच जा रही है, उन्हें जागरूक कर रही है, जिसका सार्थक परिणाम सामने आ रहा है और सीआरपीएफ की नक्सलियों के बारे में इनपुट मजबूत हो रही है. कई नक्सली सीआरपीएफ की बात मानकर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. बहुत जल्द यानी इस साल के दिसंबर तक मुंगेर रेंज को पूरी तरह नक्सल फ्री जोन कर दिया जाएगा.
नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजना बनाई गई है
वहीं मुंगेर रेंज के डीआई जी संजय कुमार के मुताबिक सरकार ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजना बनाया है. नक्सलियों के सरेंडर करने पर उन्हें काफी सुविधाएं मिल रही है. उन्होंने कहा कि भीमबांध, चोरमारा एवं पैसरा में कैंप खुलने के बाद नक्सलियों पर प्रेशर बनाया गया है. उन्हें किसी भी हाल में मुंगेर का इलाका छोड़ना होगा. स्थानीय जंगलों से उनका पलायन सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि चोरमारा में बालेश्वर कोड़ा सहित कई अन्य हार्डकोर नक्सलियों का घर है. हम उनके गांव में बैठक कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.