दिल्ली नगर निगम ने आगामी बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली है. मानसून एक्शन प्लान के अनुसार सभी जोन में युद्ध स्तर पर नालों की सफाई का काम हो रहा है. मेयर डॉ. ओबरॉय ने बताया कि निगम के तहत 4 फ़ीट से ऊपर के नालों का सफाई का कार्य 92-93 प्रतिशत और चार फीट से नीचे के नालों का कार्य 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है. निगम ने नालों की सफाई दो फेज में करने का प्लान बनाया है.
क्विक रिस्पॉन्स टीम रखेगी नजर-
दिल्ली नगर निगम ने अतिरिक्त जलभराव की समस्या से निपटने के लिए 'क्विक रिस्पॉन्स टीम' का गठन किया है और हर जोन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. पिछले साल जिन स्थानों पर जलभराव हुआ था, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सभी जोन में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जो मानसून के दौरान स्थिति की निगरानी करेंगे. इसके अतिरिक्त वार्ड लेवल पर ज़ोनल टीम भी बनाई गई है. निगम ने इस बार उम्मीद जताई है कि जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक प्रयास किए गए हैं और नागरिक इस बार मानसून का आनंद उठा सकेंगे. नेता सदन मुकेश गोयल ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे. इस वर्ष उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां जलभराव अधिक हुआ था. उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि जलभराव की समस्या होने पर कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करें और समस्या का जल्द निदान होगा.
अब तक नहीं हुई नालों की सफाई- विपक्ष
वहीं दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मेयर सरदार राजा सिंह ने कहा कि बारिश के दौरान दिल्ली वालों को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि पिछले साल की तरह इस साल भी निगम ने नालों की सफाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि मेयर लाखों दावे कर लें, क्योंकि मेयर के दावे की कागजी प्रक्रिया है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि एमसीडी से लेकर दिल्ली सरकार के नाले साफ ही नहीं हुए हैं. इसके कारण, जब वर्षा होगी तो जलभराव होगा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ऐसा प्रतीत होता है कि आप सरकार ने पिछले साल की तरह फिर दिल्ली को डुबाने की तैयारी कर ली है.
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि पहले दिल्ली नगर निगम ने नालों की सफाई का लक्ष्य 30 मई रखा था, जब नाले साफ नहीं हो पाए तो इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया. स्थिति इतनी खराब है कि आप सरकार की तय की गई समय सीमा पर भी निगम सफाई नहीं कर पाया है. मेयर अब दावा कर रही हैं कि वह उच्चस्तरीय बैठक कर रही हैं, लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी है, क्योंकि आने वाले दस दिन में ही बारिश होगी. जब वर्षा होगी तो जिस प्रकार से दिल्ली में जल संकट पर आप सरकार ने केवल दिखावा किया है, उसी प्रकार जलभराव पर भी दिखावा करेगी और दूसरों को जिम्मेदार ठहराएगी.
एमसीडी के तहत आते हैं 713 नाले-
इकबाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के अधीन 713 नाले आते हैं, लेकिन अब तक कागजों पर केवल 259 नाले ही साफ हुए हैं. निगम का दावा है कि 71412 लीटर टन गाद निकाली गई है, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी नाले गंदगी और गाद से अटे पड़े हैं. जिसके कारण जब वर्षा होगी तो जलभराव की स्थिति उत्पन्न होगी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप सरकार नालों की सफाई में भ्रष्टाचार कर रही है, क्योंकि ना तो गाद निकल रही है और ना ही उसे हटाया जा रहा है. इसका सिर्फ बिल बनाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसी भी नाले के पास खड़े हो जाओ और AAP सरकार की पोल खुल जाएगी, क्योंकि कूड़ा ऊपर से ही दिख रहा है.
(नई दिल्ली से राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)
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