कंधे पर केसरिया ध्वज, मुख पर राम नाम की ध्वनि और मुंबई से अयोध्या तक की पैदल यात्रा. यह यात्रा है मुंबई की एक मुस्लिम लड़की की जो मुंबई से अयोध्या तक की यात्रा पर निकली है. शबनम अपने साथियों रमन राज शर्मा और विनीत पांडे के साथ पैदल ही 1,425 किलोमीटर की दूरी तय करने निकल पड़ी है. शबनम की यात्रा को जो चीज यूनीक बनाती है, वह उसकी मुस्लिम पहचान के बावजूद भगवान राम के प्रति उसकी अटूट भक्ति है.
तीन लोगों ने शुरू की यात्रा
शबनम गर्व से कहती है कि राम की पूजा करने के लिए किसी को हिंदू होने की आवश्यकता नहीं है. एक अच्छा इंसान होना मायने रखता है. फिलहाल शबनम रोजाना 25-30 किलोमीटर का सफर तय कर मध्य प्रदेश के सिंधवा पहुंच चुकी हैं. शबनम ने 21 दिसंबर को अपनी यात्रा शुरू की थी. इस यात्रा में उनके साथ उनके सहयोगी रमन राज शर्मा और विनीत पांडे भी हैं जो साथ-साथ पैदल चल रहे हैं. फिलहाल वो करीब आधी यात्रा पूरी कर चुकी हैं.
राम सभी के हैं - शबनम
लंबी तीर्थयात्रा से होने वाली थकान के बावजूद, तीनों युवाओं का कहना है कि राम के प्रति उनकी भक्ति उन्हें प्रेरित करती है. रास्ते में जो लोग इनसे मिलते हैं वो इनकी कहानी और तस्वीरें शेयर करते रहते हैं जिसके बाद से ये तीनों पहले से ही सोशल मीडिया सनसनी बन गए हैं.शबनम का दृढ़ विश्वास है कि राम की पूजा किसी विशेष धर्म या क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है. यह सीमाओं को पार करती है और पूरी दुनिया को शामिल करती है.यात्रा के पीछे की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर शबनम कहती हैं, "भगवान राम सभी के हैं, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो."
क्या है यात्रा का लक्ष्य
NDTV से शबनम ने कहा कि उनका लक्ष्य इस गलत धारणा को चुनौती देना भी है कि केवल लड़के ही ऐसी कठिन यात्राएं कर सकते हैं. शबनम की तीर्थयात्रा चुनौतियों से रहित नहीं रही है. पुलिस ने न केवल उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में बल्कि उसके भोजन और रहने की व्यवस्था करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. महाराष्ट्र में संवेदनशील इलाकों से गुजरते समय पुलिस ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और उन्हें कुछ परेशानी भरी स्थितियों से बाहर निकालने में मदद की.
सोशल मीडिया पर कुछ नफरती कमेंट्स के बावजूद, शबनम अपनी यात्रा के प्रति अविचल और उत्साहित हैं. शबनम ने कहा कि कुछ निगेटिव कमेंट्स जरूर आते हैं लेकिन लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया सकारात्मक और उत्साहवर्धक रही है. शबनम हाथों में भगवा झंडा पकड़कर आगे बढ़ती जा रही हैं. शबनम कहती है कि उसने एकजुटता के सुखद क्षणों का अनुभव किया है, जब मुसलमानों सहित कई लोगों ने 'जय श्री राम' के साथ उसका अभिवादन किया. बता दें कि 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होना है. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है.