मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम पूरा हो गया है. एक्सप्रेसवे का एक बड़ा हिस्सा बनकर तैयार हो गया है. आज यानी 11 दिसंबर को पीएम मोदी इस हिस्से का उद्घाटन करेंगे. उसके बाद नागपुर से शिरडी तक के 550 किलोमीटर लंबे हाईवे पर गाड़ियां फर्राटा भरने लगेंगी. इस दौरान पीएम मोदी वन्दे भारत ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे और नागपुर में मेट्रो ट्रेन के पहले फेज, एम्स और ग्रीनफिल्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ भी करेंगे.
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से दो शहरों के बीच दूरी कम हो जाएगी और व्यापार भी तेजी से बढ़ेगा. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इस परियोजना को गेम चेंजर बताया.
बाला साहेब के नाम पर एक्सप्रेसवे का नाम-
इस परियोजना का नाम हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के नाम पर रखा गया है. इसे बाला साहेब ठाकरे समृद्धि एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाएगा. इस एक्सप्रेसवे को महाराष्ट्र की समृद्धि का रास्ता कहा जा रहा है. इस परियोजना से महाराष्ट्र के विकास में बड़ी मदद मिलेगी.
8 घंटे में मुंबई से नागपुर का सफर-
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे 701 किमी लंबा और 6 लेन का हाईवे है. अगर जरूरत पड़ेगी तो इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इसे 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है. इस एक्सप्रेस वे से मुंबई से नागपुर के सफर में लगने वाला वक्त आधा घट जाएगा. पहले 16 घंटे लगते थे, अब 8 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा.
11 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे-
ये हाइवे नायाब इंजीनियरिंग की बेहतरीन मिसाल है. ये एक्सप्रेस वे महाराष्ट्र के 11 जिलों और 392 गांवों से होकर गुजरता है. ये हाइवे विदर्भ, मराठवाड़ा और पूरे महाराष्ट्र को कनेक्टिविटी और समृद्धि की सौगात देने जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे पर एक नया आर्थिक गलियारा भी बनाया जा रहा है. इसके जरिए 14 जिलों को एकीकृत कर बंदरगाह से जोड़ा जाएगा.
हाईवे पर देना पड़ेगा टोल टैक्स-
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे पर वाहन दौड़ाने के लिए टोल टैक्स भी देना होगा. इसके लिए यहां 26 टोल टैक्स काउंटर बनाए गए हैं. एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 55000 करोड़ आंकी गई है.
हाईवे पर मेडिकल सुविधा-
एक्सप्रेसवे पर हादसे की हालत में टोल फ्री हेल्पलाइन उपलब्ध कराई गई है. एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल करना होगा. हाईवे पर 15 एंबुलेंस, 15 रैपिड रिस्पांस गाड़ी, 13 गश्ती गाड़ियां इमरजेंसी में हेल्प के लिए तैनात रहेंगे.
हाईवे से किसानों को फायदा-
इस एक्सप्रेसवे से किसानों को फायदा होगा. जिस इलाके से हाईवे गुजरेगा, उस इलाके के किसानों की किस्मत बदल जाएगी. हाईवे पर 20 कृषि समृद्धि केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिसके जरिए किसानों का माल आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. एक्सप्रेसवे पर हरियाली की भी व्यवस्था की जाएगी. इसपर 1268 पेड़ लगाने की भी योजना है.
50 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट-
इस मेगा प्रोजेक्ट का बजट करीब 50 हज़ार करोड़ से ज्यादा का है. अधिकारियों के मुताबिक हाईवे के बाकी हिस्से का काम अगले 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. प्रकृति प्रेमियों को भी ये हाईवे खूब रास आने वाला है क्योंकि इसका एक हिस्सा जंगल से होकर भी गुजरता है.
ये भी पढ़ें: