राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे लोगों के लिए केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने रविवार को अच्छी खबर जारी की. रविवार को दिल्ली की हवा पिछले एक साल में सबसे ज्यादा साफ रही. निगरानी एजेंसियों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में जुलाई के पूरे पहले सप्ताह में हवा की गुणवत्ता "संतोषजनक" श्रेणी में रही. दिल्ली की हवा की गुणवत्ता जून में सात दिनों तक संतोषजनक थी. जुलाई में बारिश के कारण इसमें और सुधार हुआ है.
कैसे मापी जाती है हवा की गुणवत्ता?
हवा की गुणवत्ता एक खास तरह के पैमाने पर मापी जाती है, जिसे एक्यूआई (Air Quality Index) कहा जाता है. इस पैमाने पर अगर हवा की गुणवत्ता 0-50 के बीच है तो यह 'अच्छी' है. 51-100 के बीच यह संतोषजनक है. 101-200 के बीच यह 'नियंत्रित' है. इंडेक्स के 201-300 के बीच होने का मतलब है कि शहर की हवा खराब है. 301-400 के बीच इंडेक्स होने पर शहर की हवा बहुत खराब जबकि 401-500 के बीच इंडेक्स होने पर हवा गंभीर रूप से खराब है.
बात करें रविवार की, तो इस दिन राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 56 पर दर्ज किया गया. केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, एक्यूआई शाम छह बजे 56 रीडिंग के साथ "संतोषजनक" श्रेणी में दर्ज किया गया. 1-7 जुलाई तक एक्यूआई "संतोषजनक" श्रेणी में ही रहा है. रविवार को यह साल के सबसे निचले स्तर पर था.
मौसम की रही है अहम भूमिका
दिल्ली की हवा साफ रखने में बदलते मौसम की अहम भूमिका रही है. मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत तापमान से 0.8 डिग्री कम है. इसमें कहा गया कि न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस था, जो मौसम के औसत से दो डिग्री कम है.
आने वाले दिनों में भी मौसम में किसी बदलाव का आंकलन नहीं किया है. मौसम विभाग के अनुसार, 13 जुलाई तक आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होगी.
कितना बुरा रहा है दिल्ली का एक्यूआई
बीते कुछ सालों में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के लिए बड़ा सिरदर्द रही है. सात नवंबर 2016 को दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 999 तक पहुंच गया था. केंद्रीय और राज्य सरकार के कई प्रयासों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी हर साल सर्दियों के मौसम में गैस चेंबर बन जाती है. दिसंबर 2023 में दिल्ली की औसत एक्यूआई 348 दर्ज की गई थी. जनवरी 2024 की औसत एक्यूआई 354 थी.