
नेशनल हेराल्ड केस में आज राहुल गांधी की पेशी ED मुख्यालय में हो रही है. पेशी से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल गांधी से मिलने उनके घर पहुंचीं. वहीं राहुल गांधी के जांच विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से ED ऑफिस तक का रास्ता भी सील कर दिया है.
बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी दोनों को तलब किया है.
बता दें कि इस केस में कांग्रेस के नेताओं पर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप है. कांग्रेस पर ये आरोप है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस ने यंग इंडिया लिमिटेड, यानी YIL नाम का ऑर्गेनाइजेशन बनाया. इस ऑर्गेनाइजेशन के जरिए कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड, यानी AJL का गैरकानूनी तरीके से अधिग्रहण कर लिया. इसको लेकर BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी.
यहाँ पर आपको नेशनल हेराल्ड मामले की टाइमलाइन बता रहे हैं.
2008: 1 अप्रैल 2008 को आखिरी बार छपने वाले नेशनल हेराल्ड की शुरूआत 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने की थी. 90 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबने की वजह से इस अखबार को बंद करना पड़ा. हांलाकि इस अखबार को बचाने के लिए तब की रूलिंग पार्टी कांग्रेस ने यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए. लेकिन ये कोशिश भी रंग नहीं ला सकी.
2010: यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) की स्थापना 2010 नवंबर में हुई थी जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. मोतीलाल वोरा के पास 24 प्रतिशत और ऑस्कर फर्नांडीज के पास कंपनी के 12 प्रतिशत शेयर थे. कांग्रेस ने जिस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को पैसा उधार दिया था, उसने यंग इंडिया लिमिटेड को कर्ज दिया, यानी कि एजेएल को वाईआईएल को 90 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. एजेएल के पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं थे, इसलिए उसने अपना पूरा शेयर वाईआईएल को दे दिया. बदले में एजेएल ने 50 लाख रुपये लिए. इस तरह गांधी परिवार पर केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके कंपनी को संभालने का आरोप लगा
2012: पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व हासिल करने में धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी का मामला दर्ज किया था.
2014: मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने गांधी परिवार समेत मामले के सभी आरोपियों को तलब किया. इस मामले में मोड़ तब आया जब ईडी ने इस केस की जांच पड़ताल मनी-लॉन्ड्रिंग एंगल से शुरू की.
2015: ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले की जांच फिर से शुरू की. दिसंबर में सोनिया और राहुल गांधी को पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी.
2016: शीर्ष अदालत ने मामले के सभी पांच आरोपियों - सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस और सुमन दुबे को अदालत में पेश होने से छूट दी, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द नहीं की गई.
2017: नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को पैसों की हेराफेरी की जांच करने की इजाजत दी.
2018: एजेएल ने हेराल्ड हाउस को बेदखल करने की बात कही
2019: ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत 64.93 करोड़ रुपये की गुरुग्राम की संपत्ति जब्त की, गुरुग्राम की इस संपत्ति के बारे में ये भी खबरें आई कि एजेएल को ये संपत्ति अवैध रूप से दी गई थी.
2020: सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का दुरुपयोग का आरोप लगाया, और कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फिर से दिल्ली की अदालत में ले जाया गया.
2022: इस मामले में ईडी ने अप्रैल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पूछताछ की. नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने 1 जून को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को तलब किया था.
13 जून: राहुल गांधी आज मामले के सिलसिले में ईडी के सामने पेश हुए हैं.