दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने शहर के बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाने की योजना की घोषणा की है. इस पहल का पहला फेज लोधी रोड पर शुरू होगा और इसके बाद शांति पथ और अफ्रीका एवेन्यू जैसी जगहों पर इसे लागू करने की योजना है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण-
यह घोषणा उस समय आई है, जब दिल्ली खतरनाक वायु गुणवत्ता से जूझ रही है. एयर पॉल्यूशन का लेवल लगातार सुरक्षित सीमा से ऊपर बना हुआ है. पिछले कुछ हफ्तों से शहर का AQI 'बहुत खराब' और 'अत्यंत गंभीर' श्रेणियों में बना हुआ है. जिसका मुख्य कारण वाहन प्रदूषण, निर्माण धूल और पराली जलाना है. इन हालात ने स्वास्थ्य संबंधी व्यापक चिंताओं को जन्म दिया है. जिसकी वजह से अधिकारियों को पानी का छिड़काव और निर्माण गतिविधियों पर रोक जैसे आपातकालीन उपाय अपनाने पड़े हैं.
पहले फेज में लगाए जाएंगे 15 मिस्ट स्प्रेयर-
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल के मुताबिक पहले चरण में लोधी रोड की 500 मीटर की दूरी पर 15 मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे. हर खंभे पर 5 नोजल होंगे, जिससे प्रति खंभा कुल 30 स्प्रे पॉइंट होंगे. यह सिस्टम प्रति खंभा प्रति घंटे 81 लीटर पानी का उपयोग करेगा और ताजे पानी के संरक्षण के लिए पानी का स्रोत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों से होगा. 4 जल टैंकों की क्षमता 5,000 लीटर होगी, जिससे इन प्लांट्स को मदद मिलेगी.
इस परियोजना को 2025 तक लागू करने की योजना है और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. चहल ने कहा कि लोदी रोड के पायलट के बाद यह पहल एनडीएमसी के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित की जाएगी.
प्रदूषण से निपटने के लिए NDMC के व्यापक प्रयासों का हिस्सा-
एनडीएमसी ने प्रदूषण को कम करने के लिए पहले से कई कदम उठाए हैं, जिनमें जीपीएस ट्रैकिंग वाले मैकेनिकल रोड स्वीपर्स का उपयोग, धूल और कण पदार्थों को कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन्स का उपयोग शामिल है. परिषद सड़क किनारे हरियाली बनाए रखने के लिए पानी के टैंकर भी उपयोग करती है और ताजा पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एसटीपी से प्राप्त उपचारित पानी का स्रोत बनाती है.
दूसरे उपायों में वृक्षारोपण अभियान, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण का सख्त पालन और जरूरत पड़ने पर मिस्ट स्प्रे मशीनों का इस्तेमाल शामिल है. एनडीएमसी का स्मार्ट सिटी इंटिग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर इन पहलों की वास्तविक समय में निगरानी करता है, ताकि उनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके.
सस्टेनेबिलिटी पर फोकस-
मिस्ट स्प्रेयर परियोजना एनडीएमसी के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए स्थायी और अभिनव समाधानों को लागू करने की दिशा में प्रयासरत है. परिषद का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को बढ़ाना और एक स्वच्छ और हरित पर्यावरण बनाना है, जो शहरी जीवन स्तर को सुधारने के सरकार के लक्ष्य से मेल खाता है. लोधी रोड पर शुरू की जा रही यह पायलट परियोजना शहर के दूसरे हिस्सों में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए एक संभावित मॉडल के रूप में देखी जा रही है और इसे व्यापक लेवल पर वायु गुणवत्ता के मुद्दों का समाधान करने के लिए बढ़ाया जा सकता है.
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