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चक्रवात जवाद से निपटने के लिए NDRF ने तैनात की टीम, आज पहुंच सकता है ओडिशा-आंध्र प्रदेश के तट पर

20 सदस्यीय टीम के पास किसी भी आपदा के लिए नावों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक आरी सहित अत्याधुनिक उपकरण हैं. अगर दूरसंचार और इंटरनेट बंद हो गया है तो संचार का उपयोग करने के लिए टीम एक अत्याधुनिक पोर्टेबल डिश भी लेकर गई है.

चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ चक्रवाती तूफान ‘जवाद’
हाइलाइट्स
  • चक्रवात जवाद से निपटने के लिए एनडीआरएफ ने 64 दलों को काम में लगाया.

  • ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पर पहुंचने से पहले जवाद के कमजोर होने की संभावना.

चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ के ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पहुंचने से पहले गहरे दबाव में तब्दील होकर कमजोर पड़ने की संभावना है. 5 दिसंबर को दोपहर के आसपास ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पर पहुंचने से पहले चाहे जवाद के कमजोर होने की संभावना है, लेकिन आंध्र प्रदेश में NDRF की टीमें इसे हल्के में नहीं ले रही हैं. 

विशाखापत्तनम से लगभग 160 किलोमीटर दूर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें अभी भी श्रीकाकुलम जिले के संथाबोम्मली गांव में तैनात हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए, 20 सदस्यीय टीम के कप्तान अरुणोदय द्विवेदी ने कहा कि यूनिट को कल शाम वहां भेज दिया गया था, क्योंकि चक्रवात के टेककली में दस्तक देने की बड़ी संभावना थी. 

टीम के पास हैं अत्याधुनिक उपकरण

अरुणोदय द्विवेदी ने कहा, "हमें कल शाम यहां भेज दिया गया था क्योंकि रिपोर्टों के मुताबिक टेककली में लैंडफॉल हो सकता है. हालांकि, हमें बताया गया है कि यह कमजोर है और एक डिप्रेशन में बदल जाएगा और पुरी के ऊपर से गुजर जाएगा. फिर भी हम अगले आदेश तक यहां रहेंगे." द्विवेदी ने दावा किया कि श्रीकाकुलम जिले में किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कोई रिपोर्ट नहीं है. 

20 सदस्यीय टीम के पास किसी भी आपदा के लिए नावों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक आरी सहित अत्याधुनिक उपकरण हैं. अगर दूरसंचार और इंटरनेट बंद हो गया है तो संचार का उपयोग करने के लिए टीम एक अत्याधुनिक पोर्टेबल डिश भी लेकर गई है. चक्रवात जवाद से निपटने के लिए एनडीआरएफ ने 64 दलों को काम में लगाया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. 

संवेदनशील इलाकों में 46 दल तैनात

एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में 46 दल तैनात किए गए हैं, जबकि 18 दलों को तैयार रखा गया है. डीजी द्वारा साझा किए गए तैनाती के ब्यौरे के अनुसार, 46 दलों में से, पश्चिम बंगाल में 19, ओडिशा में 17, आंध्र प्रदेश में 19 , तमिलनाडु में सात और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में दो तैनात किए गए हैं. 

एनडीआरएफ की एक टीम में लगभग 30 कर्मी होंगे. सभी दलों को पोल कटर, उखड़ गए पेड़ों को काटने के लिए बिजली की आरी, नौकाएं और कुछ अन्य राहत एवं बचाव उपकरण मुहैया कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने प्रभावित राज्यों तथा नागरिकों की मदद के लिए सभी तैयारियां की हैं. 

महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि जवाद को गंभीर चक्रवात के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसके तहत हवा 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. हालांकि, इसके आगे विकराल रूप लेने का अनुमान नहीं है. एनडीआरएफ प्रमुख ने बताया राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समितिने पहले ही स्थिति की समीक्षा की है. चक्रवात के पांच दिसंबर को ओडिशा पहुंचने तक स्थिति पर नजर रखी जाएगी. 

(Suryangi Roy की रिपोर्ट)