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भारतवासियों के लिए अब नेपाल और बांग्लादेश जाना होगा और भी आसान, रेलवे लिंक से जुड़ेंगे दोनों देश 

साल 2020 से ही भारत और बांग्लादेश की बीच रेल लाइनों को दोबारा से वरीयता देना शुरू कर दिया गया था. 2020 के आखिर में पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश स्थित चिलहटी के बीच रेल मार्ग को 55 साल बाद 17 दिसंबर को खोला गया था.

India and Nepal India and Nepal
हाइलाइट्स
  • लगातार बढ़ रही है कनेक्टिविटी

  • भारत और नेपाल को दो रेलवे लिंक से जोड़ा जाएगा

जल्द ही देशवासियों के लिए नेपाल जाना और भी आसान हो जाएगा. भारत और नेपाल को दो रेलवे लिंक से जोड़ा जाएगा. जबकि बांग्लादेश को छह नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. बुधवार को विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों के बीच रेलवे लिंक बनने से और भी नजदीकी बढ़ रही है. अब इनके बीच आपसी संपर्क भी बढ़ रहा है. 

लगातार बढ़ रही है कनेक्टिविटी

आगे विदेश सचिव ने कहा, “भारत के लिए विदेश नीति की प्राथमिकताओं में सबसे पहले उसके पड़ोसी आते हैं. हमारे पड़ोस के कुछ हिस्सों में सड़क, पानी, रेल और हवाई मार्ग के जरिए और अक्सर मल्टीमॉडल परिवहन में कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है. भारत और बांग्लादेश को जल्द ही छह रेल लिंक और भारत और नेपाल को दो रेल लिंक से जोड़ा जाएगा."

नेपाल, भूटान और मालदीव के लिए नहीं लगता है वीजा 

गौरतलब है कि अभी भारत और बांग्लादेश के बीच कई रेल संपर्क चालू हैं. भारत और उसके तीन पड़ोसियों - नेपाल, भूटान और मालदीव के बीच यात्रा करने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है. इसपर विदेश सचिव ने कहा, “श्रीलंका और यांगून में हमारे डिप्लोमेटिक मिशन, जारी किए जा रहे वीजा की बढ़ती संख्या को रिपोर्ट कर रहे हैं.

भारत और बांग्लादेश की बीच रेल लाइन

दरअसल, साल 2020 से ही भारत और बांग्लादेश की बीच रेल लाइनों को दोबारा से वरीयता देना शुरू कर दिया गया था. 2020 के आखिर में पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश स्थित चिलहटी के बीच रेल मार्ग को 55 साल बाद 17 दिसंबर को खोला गया था. इसका उद्घाटन खुद भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने किया था.

साल 1965 में भारत और पूर्वी पाकिस्तान के बीच जब रेल संपर्क टूटा तो उसके बाद कूचबिहार स्थित हल्दीबाड़ी और उत्तरी बांग्लादेश के चिलहटी के बीच रेलवे लाइन बंद कर दी गई थी.