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Nepal Plane Crash: कोर्ट में चल रहा था तलाक का मामला, साथ छुट्टी मनाने नेपाल गए पति पत्नी की मौत

वैभवी मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करती हैं. बेटा धनुष इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और बेटी रितिका स्कूल में है. अशोक की ओडिशा में एक HR कंसल्टेंसी फर्म है. वे पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनके घर के बाकी लोग पुणे में रहते हैं.

Nepal Plane crash Nepal Plane crash
हाइलाइट्स
  • कोर्ट में चल रहा था तलाक का मामला

  • नेपाल के एक मंदिर जा रहा था परिवार

नेपाल में रव‍ि‍वार को हुए प्लेन हादसे में क्रू मेंबर सह‍ित 22 लोगों की जानें चली गई. तारा एयर का एक विमान रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में 4 भारतीय सहित 22 लोग सवार थे. सुबह विमान के लापता होने के कुछ घंटे बाद ही मस्तांग जिले के कोबन गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें 4 यात्री भारत, दो जर्मनी और 13 नेपाल के थे. वहीं विमान 30 साल से अधिक पुराना था. इस हादसे में मारे गए सभी 22 लोगों के शव बरामद कर ल‍िए गए हैं. प्लेन में भारत के जो 4 यात्री सवार थे उनकी पहचान कर ली गई है.

कोर्ट में चल रहा था तलाक का मामला
प्लेन में महाराष्ट्र के ठाणे के एक परिवार के चार लोग सवार थे. नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा है कि ठाणे के अशोक त्रिपाठी (54), उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर त्रिपाठी (51), बेटा धनुष त्रिपाठी (22) और बेटी ऋतिका त्रिपाठी (18) भी यात्रा कर रही थीं. सभी नेपाल के पोखरा स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे. अशोक त्रिपाठी, पत्नी वैभवी से अलग रह रहे थे. दोनों का तलाक होने वाला था और मामला कोर्ट में था. कोर्ट ने फैसला आने तक हर साल पूरे परिवार को 10 दिन साथ बिताने को कहा था. इसी क्रम में चारों नेपाल गए थे. दोनों बच्चे वैभवी के साथ रहते थे जबकि अशोक अकेले रहते थे.

मिली जानकारी के मुताबिक, अशोक के साथ उनके एक चचेरे भाई भी जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त में प्लान बदल लिया था. प्लेन के क्रैश होने की जानकारी मिलने पर वैभवी के पड़ोसी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हम सब शॉक में हैं. घर पर वैभवी की सिर्फ बुजुर्ग मां ही हैं, जिनका रो-रो कर बुरा हाल है. वैभवी की मां का कुछ दिनों पहले ही ऑपरेशन हुआ था और वो घर में अकेली हैं.

घर पर अकेली रह गई वैभवी की मां
वैभवी मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करती हैं. बेटा धनुष इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और बेटी रितिका स्कूल में है. अशोक की ओडिशा में एक HR कंसल्टेंसी फर्म है. वे पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनके घर के बाकी लोग पुणे में रहते हैं. दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरा परिवार देर रात ठाणे पहुंचा.

अशोक के पिता डिस्ट्रिक्ट जज रहे हैं. 11 साल पहले उनका निधन हो चुका था. 2020 में उनकी मां का भी निधन हो गया था. अशोक 26 मई को मुंबई आए थे और यह परिवार यहां से नेपाल के लिए निकला था. वैभवी की मां तक यह जानकारी पहुंचाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनके पासपोर्ट पर बोरिवली के चिकुवाड़ी इलाके का पता लिखा हुआ था जब मुंबई पुलिस वहां पहुंची तो फ्लैट में ताला लगा मिला. इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि परिवार ठाणे शिफ्ट हो गया है. जिसके बाद पुलिस ने वहां रह रहे उनके रिश्तेदारों से संपर्क करके नया पता ढूंढा.

(वसंत मोरे की रिपोर्ट)