scorecardresearch

इस जेल में 214 दिन रहे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अब बनाया गया म्यूजियम

22 दिसंबर 1931 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पहली बार सेंट्रल जेल लाया गया था. यहां नेताजी ने 209 दिन गुजारे. दूसरी बार 16 जुलाई 1932 को उन्हे यहां लाया गया जहां वह 5 दिन रहे.

इस जेल में 214 दिन रहे थे सुभाष चंद्र बोस इस जेल में 214 दिन रहे थे सुभाष चंद्र बोस
हाइलाइट्स
  • जबलपुर की सेंट्रल जेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को रखने के लिए अंग्रेजों की पसंदीदा जेल मानी जाती थी.

  • इस जेल में एक सुभाष वार्ड है जिसे अब म्यूजियम में बदल दिया गया है.

23 जनवरी को पूरा देश नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती मना रहा है.अंग्रेजों की गुलामी से हिंदुस्तान को आजाद कराने में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अमूल्य योगदान दिया था. इस साल 23 जनवरी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है. इस खास मौके को और खास बनाने के लिए केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा था कि जब तक प्रतिमा तैयार नहीं हो जाती, तब तक सुभाष चंद्र बोस का होलोग्राम उस जगह पर लगाया जाएगा. 

मध्य प्रदेश की राजधानी जबलपुर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का गहरा नाता रहा है. जबलपुर की सेंट्रल जेल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस दो बार कैद रहे हैं। इसके साथ ही नेता जी ने जबलपुर में ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. नेताजी की इन्हीं यादों को संजोते हुए अब जबलपुर सेंट्रल जेल में नेताजी के नाम पर बने पहले म्यूजियम को जनता के लिए खोल दिया गया है. 

214 दिन नेताजी जबलपुर की  सेंट्रल जेल में रहे

इस म्यूजियम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी तमाम यादों को संजोया गया है. इस म्यूजियम में उस पलंग को भी रखा गया है जिस पर करीब 91 साल पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कई रातें गुजारी थी. लोहे की जिन जंजीरों से अंग्रेजों ने नेताजी को जकड़ कर रखा था उसे भी इस म्यूजियम में रखा गया है. 22 दिसंबर 1931 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पहली बार सेंट्रल जेल लाया गया था. उस समय जबलपुर की सेंट्रल जेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को रखने के लिए अंग्रेजों की पसंदीदा जेल मानी जाती थी. यहां नेताजी ने 209 दिन गुजारे. दूसरी बार 16 जुलाई 1932 को उन्हे यहां लाया गया जहां वह 5 दिन रहे. इस तरह कुल 214 दिन नेताजी जबलपुर की  सेंट्रल जेल में रहे. 

इस जेल में 214 दिन रहे थे सुभाष चंद्र बोस
इस जेल में 214 दिन रहे थे सुभाष चंद्र बोस

जेल के कैदियों ने बनाए नेताजी के फोटो

नेताजी तकरीबन 6 महीने सेंट्रल जेल में रहे और इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए कई अहम योजनाएं भी बनाएं जो बाद में चलकर बड़े आंदोलन में तब्दील हुई इसीलिए जबलपुर की सेंट्रल जेल का नाम आजादी के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल रखा गया. यहां तब से ही एक सुभाष वार्ड है जिसे अब म्यूजियम में बदल कर जनता के लिए खोल दिया गया है. यहां एक दीवार को एलबम में तब्दील कर दिया गया है. दीवार पर 1905 के नेताजी की बचपन की तस्वीर भी आकर्षण का केंद्र है. इसके साथ ही ब्रिटिश शासनकाल की घड़ी, जेल प्रहरियों की वर्दी, बेल्ट, तिजोरी भी संभालकर रखी गई है. 

खास बात यह है कि जेल के कैदियों ने इस म्यूजियम में लगाने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के फोटो अपने हाथों से बनाए हैं. सालों से नेताजी की मौत पर रहस्य बना हुआ है लेकिन इस म्यूजियम में आकर लोग देख पाएंगे कि किस तरह नेताजी जी ने जेल में जीवन समय बिताया था. 

(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)