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New Birth Registration Rules: जन्म के समय अब माता-पिता दोनों के धर्म को अलग से करना होगा दर्ज, नए नियम लाने की तैयारी में सरकार

इससे पहले केवल परिवार के धर्म को दर्ज करना होता था. माता-पिता को अब बच्चे के धर्म के अलावा बच्चे के पिता और मां दोनों का धर्म भी बताना होगा. गोद लिए गए बच्चों के माता-पिता के लिए भी इसी तरह का नियम पेश किया गया है.

Child Birth (Photo: Unsplash) Child Birth (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • नए नियम लाने की तैयारी में सरकार

  • कानूनी ढांचा और डेटाबेस मैनेजमेंट 

बच्चे के जन्म के समय रजिस्ट्रेशन होता है. अब सरकार इसके नियमों में बदलाव लाने का सोच रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्थ रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव को लेकर एक ड्राफ्ट जारी किया है. बच्चे के बर्थ रजिस्ट्रेशन में माता-पिता दोनों के धर्म को दर्ज करना अनिवार्य करते हुए मॉडल नियम पेश किए गए हैं. इसमें माता-पिता को बच्चे के पिता और मां के धर्म को अलग-अलग बताना होगा. 

इससे पहले क्या थे नियम?

दरअसल, इससे पहले केवल परिवार के धर्म को दर्ज करना होता था. प्रस्तावित "फॉर्म नंबर 1-बर्थ रिपोर्ट" के तहत, माता-पिता को अब बच्चे के धर्म के अलावा बच्चे के पिता और मां दोनों का धर्म भी बताना होगा. गोद लिए गए बच्चों के माता-पिता के लिए भी इसी तरह का नियम पेश किया गया है. ये मॉडल नियम देश भर में लागू होने से पहले राज्य सरकारों अपनाने वाली है. हालांकि, इसके लिए अभी आधिकारिक नोटिफिकेशन का इंतजार किया जा रहा है. 

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कानूनी ढांचा और डेटाबेस मैनेजमेंट 

11 अगस्त, 2023 को संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023, पारित किया था. इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर जन्म और मृत्यु डेटाबेस (birth and death database) का रखरखाव जरूरी होगा. इतना ही नहीं इसके अलावा, इसे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), आधार और इलेक्टोरल रोल्स जैसे दूसरे डेटाबेस के साथ मिलाया जा सकेगा.

डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम

भारत में हर दिन जितने भी बच्चे पैदा हुए हैं और जिनकी मृत्यु हो गई है उन्हें केंद्र के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम में रजिस्टर करना होता है. इसके लिए पोर्टल (crsorgi.gov.in) भी है. 1 अक्टूबर 2023 से डिजिटल रूप से इन सभी को रजिस्टर किया जाना चाहिए. यह डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करती है. इसके अलावा, इससे डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया जा सकता है. इतना ही नहीं बल्कि कहीं आगे प्राइमरी डॉक्यूमेंट के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

और क्या-क्या जानकारी देनी होगी जरूरी?

बर्थ रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अब माता-पिता के आधार नंबर, मोबाइल और ईमेल आईडी और एड्रेस की जानकारी शामिल होगी. इसके अलावा, डेटा देने वाले इन्फॉर्मॅट को अपना आधार और कॉन्टैक्ट डिटेल भी देनी होगी. 

बता दें, गृह मंत्रालय के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) को इन बदलावों को लागू करने और पंजीकृत जन्म और मृत्यु के राष्ट्रीय डेटाबेस को बनाए रखने का काम सौंपा गया है.