नई दिल्ली नगर निगम (New Delhi Municipal Corporation) 21 से 31 जुलाई के बीच होने वाले वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी कन्वेंशन (World Heritage Committee Convention) के लिए दिल्ली की कायापलट करने वाला है. दुनिया की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े इस सम्मेलन में 142 देशों के प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है. दुनियाभर के मेहमानों के अनुभव को यादगार बनाने के लिए दिल्ली में स्ट्रीट आर्ट बनाने से लेकर प्रतिमाएं लगाने तक सौंदर्यीकरण से जुड़े कई कदम उठाए जाएंगे.
कुछ ऐसी दिखेंगी दिल्ली की सड़कें
एनडीएमसी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि एनडीएमसी की कार्य योजना के अनुसार, सड़कों के किनारे स्ट्रीट आर्ट बनाई जाएंगी, सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, 50,000 सजावटी पौधे लगाए जाएंगे और कनॉट प्लेस में सांस्कृतिक डिनर और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल ने कहा, "अधिकांश प्रतिनिधि नई दिल्ली क्षेत्र में स्थित होटलों में ठहरेंगे. हवाई अड्डे से होटलों तक जाने वाली मुख्य सड़क और सरदार पटेल मार्ग से भारत मंडपम तक सम्मेलन के लिए सौंदर्यीकरण किया जाएगा."
इस 10 दिन के सम्मेलन के दौरान, भारत मंडपम, हुमायूं का मकबरा संग्रहालय और लाल किले जैसे स्थलों पर बैठकें, सैर, प्रस्तुतियां और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. सरदार पटेल मार्ग से भारत मंडपम तक जाने वाली सड़कों पर 50,000 सजावटी और फूलों के पौधे लगाए जाएंगे. साथ ही आयोजन स्थलों और होटलों के पास चौराहों पर विश्व विरासत की थीम वाले आठ पुष्प बोर्ड भी लगाए जाएंगे.
चहल ने कहा, “जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, एनडीएमसी ने नई दिल्ली क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए कई प्रयास किए थे, जिसकी सरकार के साथ-साथ दुनिया भर के प्रतिनिधियों ने सराहना की थी. लुटियंस दिल्ली क्षेत्र को फिर से खूबसूरत बनाने के लिए इसी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि एनडीएमसी सफदरजंग फ्लाईओवर और लीला पैलेस के पास स्थित अफ्रीका एवेन्यू के अंडरपास पर भारत की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी दो दीवार कलाएं बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय के साथ काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, “इन स्थलों पर पेंटिंग का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा, छह स्थानों पर नई मूर्तियां और सार्वजनिक कला प्रतिष्ठान स्थापित किए जाएंगे. इनमें से तीन साइटों को दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) की मंजूरी मिल गई है. मंडी हाउस चौराहे, होटल ताज मानसिंह चौराहे और ली मेरिडियन के सामने वाले चौराहे पर मूर्तियां बनाई जा रही हैं.”
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनडीएमसी के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “इस कार्यक्रम में दुनियाभर के प्रतिनिधि हमारी साझा सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित विरासतों के संरक्षण पर चर्चा करेंगे. एनडीएमसी 24 जुलाई को युवा विरासत पेशेवर प्रतिनिधियों के लिए एक सांस्कृतिक डिनर की भी मेजबानी करेगा. यह आयोजन हल्के संगीत के इंतजाम के साथ 300 लोगों के लिए की जाएगी. हम अगले दो दिनों में इस डिनर के लिए स्थान तय कर लेंगे. लगभग 30 प्रतिभागी भारत से होंगे.”
बारिश का पानी न भरे, इसका भी इंतजाम
प्रगति मैदान में भारत मंडपम तक पहुंचने में प्रतिनिधियों को बारिश के पानी के कारण किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसका भी इंतजाम किया गया है. बारिश से संबंधित आपात स्थितियों से निपटने के लिए, एनडीएमसी दिल्ली हाट और अफ्रीका एवेन्यू जैसे प्रमुख स्थानों पर 10 ट्रैक्टर से जुड़े पंप लगा रहा है. अधिकारी ने कहा, "इन 10 पंपों के अलावा, सम्मेलन स्थलों पर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए 6,000 लीटर क्षमता के दो अन्य पंपों की व्यवस्था किराए पर की जाएगी."
बदली जाएगी बाजारों की सूरत
अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के लिए बाजार का कायाकल्प करने के लिए नागरिक निकाय नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ साझेदारी करेगा. रिपोर्ट में बताया गया, “बाजार को उत्सव जैसा रूप देने और विशेष रूप से कनॉट प्लेस में कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए एनडीटीए के साथ संयुक्त व्यवस्था की जा रही है. प्रतिनिधियों के लिए खान मार्केट और जनपथ मार्केट का दौरा करने की भी तैयारी की जाएगी.”
अधिकारी ने कहा कि सरदार पटेल मार्ग पर भारतीय झंडों की एक शृंखला लगाई जाएगी और इन रास्तों पर सड़कों की मरम्मत के अलावा होटलों के पास पेड़ लगाने वाले उपकरण भी लगाए जा रहे हैं. नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख अतुल भार्गव ने कहा कि उन्हें 'हेरिटेज वीक' (विरासत का सप्ताह) मनाने के बारे में एनडीएमसी से पत्र मिला है. उन्होंने कहा, “कनॉट प्लेस इतना बड़ा क्षेत्र है कि किसी भी उत्सव के लिए बजट की आवश्यकता होगी. हमें उम्मीद है कि परिषद हमें आर्थिक रूप से भी मदद करेगी."
भार्गव ने कहा कि एसोसिएशन विरासत के संरक्षण की जरूरत को समझते हैं लेकिन कनॉट प्लेस की दुकानों के अंदर मरम्मत करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “यहां तक कि छोटी-मोटी मरम्मत करने में भी प्रक्रिया में छह से नौ महीने लग जाते हैं. हमें दोनों हितों को संतुलित करने की जरूरत है.”