टैक्स देने वालों को बजट में बड़ी राहत मिली है. अब आयकर पर मिलने वाली छूट का दायरा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपए तक कर दिया गया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पर्सनल इनकम टैक्स (Personal Income Tax) यानि व्यक्तिगत आयकर से जुड़े 5 बड़े ऐलान किए. चलिए आपको बताते हैं कि वित्तमंत्री के इस एलान में क्या है.
7 लाख तक कोई टैक्स नहीं
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए बड़ा एलान किया है, जिसके तहत 7 लाख रुपए तक की आय वाले किसी भी शख्स को कोई टैक्स नहीं देना होगा. ये नई कर व्यवस्था या न्यू टैक्स रिजिम (new tax regime) का विकल्प रखने वाले आयकर दाताओं पर लागू होगा.
नए टैक्स रिजिम का टैक्स स्लैब
न्यू टैक्स रिजिम के तहत 3 लाख तक के कर योग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. जबकि 3 लाख से 6 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके अलावा 6 लाख से 9 लाख तक की कर योग्य आय पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. इस बार के बजट में 9 लाख से 12 लाख रुपए तक की आय करने वालों से 15 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. जबकि 12 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा. अगर आपकी आय 15 लाख रुपए से ज्यादा है तो आपको 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा.
पहला एलान
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी तक 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है, चाहे वो न्यू टैक्स रिजिम के हों या ओल्ड टैक्स रिजिम के. लेकिन अब न्यू टैक्स रिजिम में आयकर छूट का दायरा बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है. यानी कि न्यू टैक्स रिजिम वाले व्यक्ति को 7 लाख तक की आमदनी पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा.
दूसरा एलान
वित्तमंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजिम में इनकम टैक्स स्लैब्स की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई है और साथ ही आयकर छूट का दायरा 2.5 लाख से बढ़कार 3 लाख कर दिया गया है.
कर योग्य आय | टैक्स |
0-3 लाख | 0 फीसदी |
3-6 लाख | 5 फीसदी |
6-9 लाख | 10 फीसदी |
9-12 लाख | 15 फीसदी |
12-15 लाख | 20 फीसदी |
15 लाख से ज्यादा | 30 फीसदी |
वित्तमंत्री ने कहा कि नए टैक्स रिजिम के तहत आने वाले सभी करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है. 9 लाख तक आमदनी वालों को अब सिर्फ 45 हजार रुपए टैक्स देना है. यह उनकी आमदनी का केवल 5 फीसदी है. अभी तक इस दायरे में आने वाले लोगों को 60 हजार रुपए टैक्स देना पड़ता था. इस तरह नए टैक्स रिजिम वालों को 25 फीसदी कम टैक्स देना होगा. इसी तरह 15 लाख तक की आमदनी वाले लोगों को अब सिर्फ 1.5 लाख रुपए या उनकी आमदनी का केवल 10 फीसदी टैक्स देना होगा. अभी तक इस दायरे में आने वाले लोगों को 1 लाख 87 हजार 500 रुपए देना पड़ता था.
मौजूदा न्यू रिजिम टैक्स स्लैब
मौजूदा समय में दो तरह की कर व्यवस्था है. पहला न्यू टैक्स रिजिम है जबकि दूसरा पुरानी कर व्यवस्था यानि ओल्ड टैक्स रिजिम (Old Tax Regime) है. जो न्यू रिजिम टैक्स स्लैब मौजूद है, उसके मुताबिक 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता है. जबकि 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है. जिसमें 87ए के तहत रिबेट का प्रावधान है. 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए तक की आय पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है. जबकि 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की आय पर 15 फीसदी और 10 लाख से 12.50 लाख रुपए की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगता है. 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक की आय पर 25 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है.
आय | टैक्स |
0-2.5 लाख | 0 फीसदी |
2.5-5 लाख | 5 फीसदी |
5-7.5 लाख | 10 फीसदी |
7.5-10 लाख | 15 फीसदी |
10-12.5 लाख | 20 फीसदी |
12.5-15 लाख | 25 फीसदी |
15 लाख से ज्यादा | 30 फीसदी |
तीसरा एलान
वित्तमंत्री ने नए टैक्स रिजिम के तहत आने वाले सैलरीड क्लास और पेंशनर्स के लिए (फैमिली पेंशनर्स सहित) स्टैंडर्ड डिडक्शन का तोहफा दिया है. अब 15.50 लाख या इससे अधिक आमदनी वाले हर सैलरीड व्यक्ति को 52500 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा.
चौथा एलान
वित्त मंत्री ने नए टैक्स रिजिम में सरचार्ज रेट 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का प्रस्ताव किया. वित्तमंत्री ने कहा कि हमारे देश में टैक्स रेट 42.74 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स रेट में शामिल है. वित्तमंत्री ने नए टैक्स रिजिम में सरचार्ज रेट की अधिकतम सीमा 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का प्रस्ताव किया. ऐसा होने से टैक्स रेट की अधिकतम सीमा 39 फीसदी तक रह जाएगी.
पांचवां एलान
वित्तमंत्री ने प्राइवेट सेक्टर के सैलरीड क्लास के लिए लीव इनकैशमेंट पर मिलने वाली छूट का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख करने का प्रस्ताव किया है. साल 2002 में तत्कालीन सरकार ने रिटायरमेंट पर छुट्टियों के बदले मिलने वाली 3 लाख तक की रकम को टैक्स के दायरे से बाहर रखना तय किया था. उस समय बेसिक सैलरी की अधिकतम सीमा 30 हजार रुपए प्रति महीने तक होती थी.
स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा अब न्यू टैक्स रिजिम वालों को भी
ओल्ड टैक्स रिजिम का विकल्प रखने वाले आयकर दाताओं के लिए इस बार के बजट में कोई ऐलान नहीं किया गया है. वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में ये कहा कि न्यू टैक्स रिजिम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजिम होगा. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ओल्ड टैक्स रिजिम के तहत आयकर में छूट का फायदा लेने का विकल्प अभी मौजूद रहेगा.
वित्तमंत्री ने कहा कि सैलरीड व्यक्तियों के लिए 50 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन और फैमिली पेंशन में 15 हजार तक के डिडक्शन का प्रावधान अभी तक केवल ओल्ड टैक्स रिजिम का विकल्प चुनने वालों तक ही था. लेकिन अब इन दोनों कटौतियों का फायदा न्यू टैक्स रिजिम वालों को भी मिलेगा. हालांकि नई टैक्स व्यवस्था में 15.5 लाख या इससे ज्यादा की आमदनी वालों को ही 52,500 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा.
कर योग्य आय | टैक्स दर |
0-2.5 लाख | कोई टैक्स नहीं |
2.5-5 लाख | 5 फीसदी |
5-7.5 लाख | 20 फीसदी |
7.5-10 लाख | 20 फीसदी |
10-15 लाख | 30 फीसदी |
15 लाख से ज्यादा | 30 फीसदी |
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