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नए संसद भवन में होंगे ये एडवांस फीचर... ब्रिटिश शासन में हुई चर्चाओं को किया गया डिजिटल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खुलासा

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन का निर्माण चल रहा है. अक्टूबर तक काम पूरी तरह हो जाने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इस बार शीतकालीन सत्र भी यहीं कराया जा सकता है.

अक्टूबर तक नए संसद भवन का काम पूरा होने की उम्मीद अक्टूबर तक नए संसद भवन का काम पूरा होने की उम्मीद
हाइलाइट्स
  • अक्टूबर तक नए संसद भवन का काम पूरा होने की उम्मीद

  • इस साल नए संसद भवन में हो सकता है शीतकालीन सत्र

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र दिल्ली के नए संसद परिसर में होगा. बिड़ला ने कहा कि नए संसद भवन में एडवांस फीचर और कई सेफ्टी फीचर होंगे. यहां आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर साफ दिखाई देगी. तकनीकी और सुरक्षा की दृष्टि से यह नया भवन पुराने संसद भवन से काफी आगे है लेकिन, संसद का पुराना भवन भी इसका हिस्सा रहेगा. 

इससे पहले, बिड़ला ने बताया था कि नई संसद में विभिन्न तकनीकी विशेषताएं होंगी, जिसमें सांसदों को अपने डेस्क पर ऑनलाइन जानकारी तक पहुंच होगी. बिड़ला ने कहा कि 1858 तक ब्रिटिश शासन के दौरान हुई बहसों और चर्चाओं को डिजिटल कर दिया गया है. 

इस साल नए संसद भवन में हो सकता है शीतकालीन सत्र 

इस बीच, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने आईएएनएस को बताया कि इस साल नए भवन में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने के प्रयास जारी हैं. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन का निर्माण चल रहा है और हमें अक्टूबर तक काम पूरा करने का विश्वास है. हम अक्टूबर तक परियोजना को पूरा करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, ताकि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जा सके. 

अक्टूबर तक नए संसद भवन का काम पूरा होने की उम्मीद 

नए संसद भवन का निर्माण कार्य कोरोना के कारण काफी धीमा हो गया था लेकिन, एक बार फिर इसमें तेजी लाई जा रही है. अब तक 44 प्रतिशत भौतिक प्रगति हासिल हो गई है. इसे अक्टूबर तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरा करने की कोशिश है. 

10 दिसंबर को पीएम मोदी ने रखी थी परियोजना की आधारशिला 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत किया जा रहा है. इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले केन्द्र को समिति तथा दूसरे संबंधित प्राधिकरणों की मंजूरी लेने का आदेश दिया था. 

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