तंबाकू के पैकेट को लेकर केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. अब सिगरेट या किसी भी तरह के तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर "तंबाकू सेवन यानी अकाल मृत्यु" लिखा होगा, जबकि इससे पहले कैटेक पर "तंबाकू यानी दर्दनाक मौत" लिखा होता था.
इससे पहले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन चाहते थे कि इसे बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया जाए, जिसमें 60 प्रतिशत ग्राफिक डिजाइन और 25 प्रतिशत लिखा हुआ हो. बताया जा रहा है कि नया आदेश 1 दिसंबर, 2022 से लागू हो सकता है.
फिलहाल 40 प्रतिशत पैकेट में होती है चेतावनी
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) नियम 2008 का कानून सिगरेट पैक पर 40 प्रतिशत हिस्से को सिगरेट पीने के खतरों के बारे में ग्राफिक और शब्दों की चेतावनियों से कवर करता है. हालांकि, अब इसमें बदलाव कर दिया गया है.
इसके अलावे अब जो पैकेट बनाए जाएंगे उनके पीछे काली बैकग्राउंड पर सफेद अक्षरों में आज ही छोड़े, कॉल करें 1800-11-2356 लिखा होगा.
भारत में कितने लोग करते हैं तंबाकू का सेवन
बता दें कि, हर तीन भारतीय वयस्कों में से एक यानी 274 मिलियन से ज्यादा लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं. लगभग आधे तंबाकू उपयोगकर्ता बीड़ी, जोकि सस्ती और हाथ से बनी सिगरेट होती है उसका सेवन करते हैं. आधे वयस्क और 27 प्रतिशत युवा घर पर हर सेकेंड धुएं के संपर्क में हैं. 29 प्रतिशत वयस्क और 40 प्रतिशत युवा सार्वजनिक स्थानों पर ही इसका सेवन करते पाए जाते हैं.
तंबाकू के सेवन से होती है कितने भारतीयों की मौत
तंबाकू के उपयोग और धुएं के संपर्क में आने के कारण हर साल 1 मिलियन भारतीय मर जाते हैं. 2020 तक यह संख्या 1.5 मिलियन की ओर बढ़ी है. धूम्रपान से हर साल तंबाकू से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए भारत को $1.2 मिलियन अमरीकी डालर का खर्च आता है.
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