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Today's Top News: G-7 सम्मेलन में PM Modi ने वैश्विक नेताओं से की मुलाकात, अब Bihar के बेरोजगार युवाओं को मिलेगा भत्ता, 1 जुलाई से देश में ये नए क्रिमिनल कानून 

14 जून 2024 का दिन बेहद खास रहा. पीएम मोदी ने जहां इटली के अपुलिया में आयोजित जी-7 (G-7) शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात की, वहीं बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा फैसला लिया. अब इस राज्य के बेरोजगार युवाओं को भत्ता मिलेगा.

PM Narendra Modi and Giorgia Meloni PM Narendra Modi and Giorgia Meloni
हाइलाइट्स
  • भारतीय न्याय संहिता 163 साल पुरानी IPC की लेगी जगह 

  • मनरेगा के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को स्वीकृति 

14 जून 2024 का दिन बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जहां इटली (Italy) के अपुलिया में आयोजित जी-7 (G-7) शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात की, वहीं बिहार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली जदयू-भाजपा सरकार ने बड़ा फैसला लिया.

अब इस राज्य के बेरोजगार युवाओं को भत्ता मिलेगा. उधर, शुक्रवार को आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) को 1 जुलाई 2024 से लागू करने का फैसला लिया गया. 

1. पीएम मोदी का इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने किया स्वागत 
पीएम मोदी इस समय इटली में हैं. वह वहां जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं. भारत जी-7 समूह का सदस्य देश नहीं है, इसके बावजूद इटली की पीएम  जार्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को खास मेहमान के रूप में आमंत्रित किया है. समिट में पहुंचने पर पीएम मोदी का मेलोनी ने वेलकम किया. इसमें खास बात यह रही कि इटली की पीएम ने भारतीय अंदाज में नमस्ते करके पीएम मोदी का स्वागत किया.

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अपनी इटली की यात्रा के दौरान पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी. इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे. इस दौरान पोप, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.जी-7 शिखर सम्मेलन में जाने से पहले पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं से मुलाकात की. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की शामिल रहे. 

2. सीएम नीतीश कुमार का बड़ा फैसला
बिहार की नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू-भाजपा सरकार ने बेरोजगार युवाओं को खुशखबरी दी है. शुक्रवार की शाम को नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देगी. नीतीश कुमार की कैबिनेट ने राज्य में मनरेगा के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को स्वीकृति दी है.

बेरोजगारी का आवेदन देने के बाद आवेदक को यदि 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिलता है तो राज्य सरकार की ओर से रोजगार मांगने वाले को मांग तिथि से तय सीमा के भीतर दैनिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगी.

3. देश में IPC की जगह नया आपराधिक कानून 
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया. आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए तीन नए क्रिमिनल कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 1 जुलाई 2024 से लागू करने का निर्णय लिया है. पिछले साल अगस्त में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेश किए गए ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. 

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को सूचित किया है कि तीनों नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे. केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल होल्ड कर दिया है यानी धारा-106 (2) फिलहाल लागू नहीं होगा. यह प्रावधान हिट एंड रन से जुड़े अपराध से जुड़ा हुआ है. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यह भी अनुरोध किया है कि ये मंत्रालय और विभाग इन नए कानूनों की विषय-वस्तु को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करें. भारतीय न्याय संहिता 163 साल पुरानी IPC की जगह लेगी, जिससे दंड कानून में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे.

नए कानून में यौन अपराधों के लिए कड़े उपाय किए गए हैं. 1973 की दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) लागू होगा. इसमें महत्वपूर्ण प्रावधान विचाराधीन कैदियों के लिए है. साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू होगा. नया कानून इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर नियमों को सुव्यवस्थित करता है और द्वितीयक साक्ष्य के दायरे का विस्तार करता है.