लोकसभा के सांसद अगले सत्र की बैठक नई बिल्डिंग में कर सकते हैं ऐसी संभावना बन रही है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण अपने निर्धारित समय पर पूरा हो जाएगा और सांसद का अगला शीतकालीन सत्र नए भवन में होगा.
उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड के प्रतिबंधों के कारण निर्माण कार्य में 14 दिनों की देरी हुई थी, लेकिन अब इसे कवर कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि अब इसमें कोई देरी नहीं होगी.
हाल ही में पंडित नेहरू के जन्मदिन पर मीडिया वालों ने ओम बिरला से बातचीत के दौरान नई सांसद को लेकर कुछ सवाल किए. लोकसभा अध्यक्ष से सवाल किया गया कि नए सांसद भवन में संसद में किन-किन नेताओं की मूर्तियां लगेगी? इस पर उन्होंने कहा कि इसके लिए हम एक समिति बनाएंगे. हालांकि समिति का गठन अभी तक नहीं किया गया है. इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक सप्ताह के लिए सभी निर्माण कार्य स्थगित करने के आदेश पर भी बात की. उन्होंने कहा कि संसद परिसर के आसपास इतना प्रदूषण नहीं है और हम इसका बखूबी ध्यान रख रहे हैं.
कब हुआ था शिलान्यास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए सांसद भवन का शिलान्यास और भूमि पूजन किया था. उन्होंने कहा कि जब हम विश्वास के साथ अपने लोकतांत्रिक इतिहास का गौरवगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया भी कहेगी- भारत लोकतंत्र की जननी है.
क्यों बनाई जा रही है नई इमारत?
सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण नई इमारत के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया. अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 93 वर्ष पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है.
कैसा होगा नया भवन?
नया संसद भवन चार मंजिला होगा. इसका निर्माण 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किया जाएगा. लोकसभा सचिवालय के अनुसार ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि नया भवन अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसके निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा और राज्यसभा में 5 अगस्त 2019 को किया था. प्रत्येक संसद सदस्य को नवनिर्मित श्रम शक्ति भवन में कार्यालय के लिए 40 वर्ग मीटर स्थान उपलब्ध कराया जाएगा.अधिकारियों के अनुसार संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी. वहीं उच्च सदन राज्यसभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे.
अन्य सुविधायें
अधिकारियों के अनुसार नए भवन में सभी सांसदों को अलग दफ्तर दिया जाएगा जिसमें आधुनिक डिजिटल सुविधाएं होंगी ताकि पेपरलेस दफ्तरों के लक्ष्य की ओर बढ़ा जा सके. इसके अलावा यहां एक भव्य कॉन्स्टीच्यूशन हॉल या संविधान हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया जाएगा. भारत के संविधान की मूल प्रति को भी वहां रखा जाएगा. इसके साथ ही वहां सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हॉल, एक लाइब्रेरी, समितियों के लिए कई कमरे, भोजन कक्ष और पार्किंग की भी काफी जगह होगी.
कौन बना रहा है नया संसद भवन?
नई इमारत बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है. उसने सितंबर 2020 में 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर ये ठेका हासिल किया था.नया संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट का खाका गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन्स ने तैयार किया है.