नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने Free Flow Policy को लागू करने के तीन साल बाद वापस ले लिया है. NHAI ने इस पॉलिसी को अपनी टोल मैनेजमेंट गाइडलाइन्स से हटा दिया है. आपको बता दें कि इस पॉलिसी के तहत, किसी टोल में आए वाहन के लिए सर्विंग टाइम 10 सेकेंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए. टोल के किसी बूथ पर 100 मीटर से ज्यादा लंबी लाइन न हो. अगर ऐसा होता है तो आप बिना पैसे दिए टोल पार कर सकते थे.
यह नियम साल 2021 में जोड़ा गया था. इस नियम के मुताबिक, "अगर टोल बूथ से व्हीकल्स की लाइन 100 मीटर से ज्यादा हो जाती है तो उस लेन के बूम बैरियर को खोलकर गाड़ियों को बिना टोल के जाने दिया जाए. जब तक गाड़ियों की लाइन 100 मीटर के दायरे में न हो तब तक बिना टोल लिए ट्रैफिक के फ्री फ्लो का प्रावधान था."
खत्म कर दिया गया यह नियम
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 19 अगस्त को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी करके कहा गया कि फ्री-फ्लो पॉलिसी से जुड़े सभी प्रावधान खत्म कर दिए गए हैं. अब यहां किसी भी तरह से कोई फ्री फ्लो पॉलिसी नहीं है. अब चाहे आप लाइन में इंतजार करते रहें लेकिन आपको टोल देकर ही आगे जाना होगा. अब सवाल है कि आखिर इस नियम को वापस क्यों लिया गया है?
NHAI के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह नियम सभी टोल प्लाज़ा के लिए नहीं था. बल्कि जो टोल प्लाज़ा साल 2021 के बाद नए डिजाइन से बने हैं, सिर्फ उनके लिए था. लेकिन लोगों के बीच इस नियम को लेकर बहुत ज्यादा कंफ्यूजन थी इसलिए अथॉरिटी ने इसे खत्म करने का फैसला किया.
मई 2021 में हाइवे अथॉरिटी ने इस प्रावधान को उन प्रोजेक्ट्स के लिए शुरू किया था जहां प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रोग्रेस में थीं और टोल प्लाज़ा के लिए जमीन एक्वायर की जानी थी. लेकिन तब से अब तक डिजाइन किए टोल प्लाज़ा जो इन नियम के अंतर्गत आते हैं, वे बहुत कम हैं. ऐसे में, इस नियम के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए NHAI ने इस पॉलिसी को खत्म कर दिया है.