मंगलवार को नीति आयोग ने पहली बार सतत विकास लक्ष्य शहरी सूचकांक (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स अर्बन इंडेक्स) की सूची जारी की. जिसमें 56 शहरों का आकलन कर रिपोर्ट दी गई है. इस सूचकांक में हिमाचल प्रदेश का शिमला शीर्ष स्थान पर रहा.
केंद्र की पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक ने 77 एसडीजी संकेतकों पर 56 शहरों में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का आकलन किया था.
क्या हैं सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी)
संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2015 में 17 लक्ष्य तय किए गए थे जिन्हें सभी देशों को साल 2030 तक प्राप्त करना है. इन लक्ष्यों का उद्देश्य सभी राष्ट्रों का सतत विकास है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी एक अच्छा जीवन जी सके. 2015 के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था.
इस बैठक में 193 देश उपस्थित थे. और आज सभी देश ने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम कर हैं.
ये हैं 17 एसडीजी:
भारत भी अपने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इन लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश में जुटा हुआ है. पिछले कुछ सालों में देश का विकास इन्हीं लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ा है. स्थानीय स्तर पर लोगों को इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के लिए नीति आयोग ने यह लिस्ट जारी की है.
एसडीजी शहरी सूचकांक के अनुसार, धनबाद, झारखंड सूची में सबसे नीचे है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और रायपुर (छत्तीसगढ़) 20वें स्थान पर हैं.
टॉप 10 में शामिल पुणे, चंडीगढ़:
एसडीजी के कार्यान्वयन के मामले में नागपुर, पुणे, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कोयंबटूर शीर्ष 10 शहरी क्षेत्रों में शामिल हैं. जबकि चेन्नई और बेंगलुरु क्रमशः 11वें और 13वें स्थान पर हैं. वहीं, मुंबई 33वें स्थान पर और कोलकाता 48वें स्थान पर है.
एसडीजी शहरी सूचकांक और डैशबोर्ड को नीति आयोग ने ‘इंडो-जर्मन डेवलपमेंट कोऑरपरेशन’ के तहत जीआईजेड और बीएमजेड के साथ मिलकर बनाया है.
56 शहरी क्षेत्रों का मूल्यांकन 77 संकेतकों के आधार पर किया गया है जिसमें गरीबी में कमी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल और स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा और आर्थिक विकास जैसे मानकों को शामिल किया गया.
इन शहरी इकाइयों में से 44 की आबादी एक मिलियन से अधिक है और शेष 12 राजधानी शहर हैं जिनकी आबादी एक मिलियन से कम है.