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Cashless Treatment For Road Accident Victims: रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों के लिए गडकरी ने लॉन्च की कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम, जनिए इस योजना के बारे में

गडकरी के अनुसार, दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचित करने पर, योजना के तहत, पीड़ित को 7 दिनों के इलाज की लागत या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तुरंत दिए जाएंगे.

Nitin Gadkari launched new scheme Nitin Gadkari launched new scheme
हाइलाइट्स
  • 2024 में रोड एक्सीडेंट में हुई 1.8 लाख लोगों की मौत

  • देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी

केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना शुरू की. 7 जनवरी को घोषित इस योजना का उद्देश्य रोड एक्सीडेंट में घायल लोगों को तुरंत मेडिकल हेल्प उपलब्ध कराना है. योजना का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना कि पीड़ितों को समय पर उपचार मिले. गडकरी के अनुसार, दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचित करने पर, योजना के तहत, पीड़ित को 7 दिनों के इलाज की लागत या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तुरंत दिए जाएंगे. 

इतना ही नहीं, हिट-एंड-रन मामले में मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के तत्काल परिवार को 2 लाख रुपये मिलेंगे. गडकरी ने ल्ली के भारत मंडपम में कई राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा, “हमने कुछ राज्यों में इस कैशलेस परियोजना का संचालन किया. हमने योजना में कुछ कमजोरियां देखीं. हम उनमें सुधार कर रहे हैं और यह निश्चित रूप से फायदेमंद होगा."

कैसे काम करेगी स्कीम 

  • एलिजिबिलिटी- अगर दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचित किया जाता है तो सड़क दुर्घटना के पीड़ित कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए पात्र होते हैं. 
  • ट्रीटमेंट का खर्च: योजना में 7 दिनों तक या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के उपचार की लागत शामिल होगी।
  • हिट-एंड-रन मामले: हिट-एंड-रन एक्सीडेंट के कारण मृत्यु के मामलों में, मृतक के तत्काल परिवार को 2 लाख रुपये मिलेंगे.

कार्यक्रम में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए, नितिन गडकरी ने कहा कि इस योजना को कुछ राज्यों में शुरू किया गया था, और देखा गया कि इसमें क्या परेशानियां हो सकती हैं और अब उनमें सुधार किया जा रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि यह योजना लोगों के लिए लाभकारी होगी.

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2024 में हुई 1.8 लाख मौतें 

यह योजना सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. गडकरी के अनुसार, 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.8 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं. उनका कहना है कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा थी. 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.8 लाख लोगों की मौत हुई. इनमें से 30,000 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण हुई. 

एक और गंभीर बात यह है कि घातक दुर्घटनाओं के 66% पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के थे. स्कूलों और कॉलेजों में गलत एक्जिट और एंट्री पॉइंट्स के कारण 10,000 बच्चों की मौत हुई. वहीं, बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले लोगों की वजह से हुई दुर्घटनाओं में लगभग 3,000 लोगों की मौत हुई है.  

ड्राइवरों की कमी पर बात 

गडकरी ने कहा कि उनकी बैठक का एक महत्वपूर्ण एजेंडा ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र था. हमारे देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है. उस पर एक नई नीति भी बनाई जा रही है. पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “स्क्रैपिंग से हमारा ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी आगे बढ़ेगा. क्योंकि एल्युमीनियम, तांबा, स्टील और प्लास्टिक का रिसायकलिंग किया जाता है.”