बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नीतीश सरकार (Nitish Government) ने सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लिया. एनडीए के पक्ष में 129 वोट पड़े. फ्लोर टेस्ट से पहले आरजेडी समेत समूचे विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों की जरूरत थी.
विपक्ष के बहिष्कार के बाद सीएम नीतीश कुमार के कहने पर विधानसभा के उपसभापति महेश्वर हजारी ने पक्ष में विधायकों को खड़े होने को कहा और उनकी गिनती करवाई. सरकार के समर्थन में 129 वोट पड़े. स्पीकर को हटाने के समय नीतीश सरकार के पक्ष में 125 वोट पड़े थे. विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान 4 और वोट सरकार के पक्ष में बढ़ गए. नीतीश कुमार ने सदन में आरजेडी पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने भी सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बार-बार पाला बदलने पर कटाक्ष किया.
128 विधायकों के समर्थन का किया था दावा
बिहार में 243 सदस्यों वाले विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों की जरूरत थी. 28 जनवरी को नौवीं बार बिहार के सीएम बनने के दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 128 विधायकों के समर्थन का दावा किया था. वहीं महागठबंधन में कांग्रेस (Congress), राजद (RJD) समेत वामपंथी दलों के कुल 114 विधायक हैं.
एनडीए ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही दावा किया था उसके पास बहुमत का नंबर है, लेकिन जदयू (JDU) के कुछ विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचने से नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ गई थी. उधर, तेजस्वी यादव का कहना था कि जदयू के कुछ विधायक उनके साथ जुड़ने के लिए आतुर हैं. जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) भी एनडीए से नाराज चल रहे थे. इन्हीं सब बातों को देखते हुए तेजस्वी सरकार बनाने का ताल ठोक रहे थे. यदि हम के चार विधायक और जदयू के कुछ विधायक महागठबंधन के साथ जुड़ जाते तो एनडीए 122 के आंकड़े को छू नहीं पाती.
नीतीश के पाले में कितने विधायक
जेडीयू- 45
बीजेपी- 78
हम- 4
निर्दलीय- 1
कुल- 128
तेजस्वी के पास हैं इतने विधायक
आरजेडी- 79
कांग्रेस - 19
लेफ्ट- 16
कुल- 114
सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नहीं की वोटिंग
फ्लोर टेस्ट के दौरान सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) दोनों वोट नहीं दे पाए. हालांकि फ्लोर टेस्ट के दौरान दोनों विधानसभा में मौजूद रहे. नीतीश और सम्राट दोनों विधान परिषद के सदस्य हैं. यानी इन दोनों का चुनाव सीधे जनता ने नहीं किया है. ऐसे में ये दोनों वोट नहीं कर सके. विधानसभा में सरकार को बहुमत है या नहीं, इसका फैसला विधानसभा के सदस्यों की संख्या-बल से होता है.