
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इस बार बाहरी लोगों को आने की अनुमति नहीं होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में कोई विजिटर (Visitor) नहीं होगा.
कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण और कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. वायरस का संक्रमण न फैले इसीलिए इस बार राजयसभा और लोकसभ दोनों में विसिटोर्स की एंट्री पर बैन लगाया गया है.
कोविड प्रोटोकॉल का किया जा रहा है पालन
सूत्रों के अनुसार, दोनों सचिवालयों के अधिकारियों ने कहा है कि शीतकालीन सत्र में आने वाले विजिटर्स के बैठने के लिए पर्याप्त गैलरी नहीं है. इसलिए सबकी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए यह फैसला लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल लागू होने के कारण सांसदों को दोनों सदनों में दर्शकों के लिए बनाई गयी गैलरी में बैठाया जाएगा.
गैलरी और चैंबर दोनों में बैठेंगे सासंद
एक आधिकारिक सर्कुलर के मुताबिक, संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था चैंबर और गैलरी दोनों में की गई है. ताकि अच्छे से सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा सके. सर्कुलर में कहा गया है, "सत्र के दौरान किसी भी विजिटर को सदन की कार्यवाही देखने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सत्र के दौरान कोई सार्वजनिक गैलरी पास जारी नहीं किया जाएगा."
शीतकालीन सत्र में कौन से मुद्दे रह सकते हैं हावी
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनाव नजदीक हैं. इसीलिए यह माना जा रहा है कि इस बार का यह सत्र बेहद गर्म रहने वाला है और पक्ष-विपक्ष में खूब बहस होने वाली है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सोमवार से शुरू हो रहे इस शीतकालीन में महंगाई, पेट्रोल-डीज़ल और खाद्य तेल की कीमतें, कश्मीर का मुद्दा, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जैसे मुद्दों पर बहस-मुबाहिसा होने वाली है.