पीएम नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे, जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र और राज्य की राजधानी लखनऊ से रोड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा. 340.824 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस राज्य की राजधानी लखनऊ से शुरू होगा और पूर्वी यूपी के गाजीपुर में समाप्त होगा. अनुमान है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सरकार हर साल टोल के माध्यम से 202 करोड़ रुपये कमाएगी. हालांकि शुरुआत में एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों से किसी प्रकार का कोई टोल नहीं वसूला जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टोल की कीमतें कंपनी तय करेगी जिसमें अभी वक्त लगेगा. कीमतें लगभग लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे जितनी ही मानी जा रही हैं.
6 घंटे का सफर होगा 3.5 घंटे में पूरा
आपको बता दें, 300 किलोमीटर की इस यात्रा को साढ़े 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जिससे कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा. पहले इस यात्रा को पूरा करने में 6 घंटे का समय लगता था. लेकिन अब घटकर आधा हो गया है. इस एक्सप्रेस-वे से वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर और इलाहाबाद जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भी लिंक सड़कों के माध्यम से जोड़ेगा. आपको बता दें, यह योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 22,494.66 करोड़ रुपये है.
9 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
दरअसल, यह एक्सप्रेसवे लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर सहित राज्य के नौ जिलों से होकर गुजरेगा. यूपी सरकार की मानें, तो ऐसी उम्मीद है कि इसके खुलने के बाद, शुरुआती दिनों में हर दिन तकरीबन 15 हजार से 20 हजार वाहन इस एक्सप्रेस-वे का उपयोग करेंगे. हालांकि ये संख्या बढ़ भी सकती है.
एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था
यात्रियों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथॉरिटी (UPEIDA) ने एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) की व्यवस्था की है. इससे आवारा पशुओं को रोका जा सकेगा और आने-जाने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना होगा. इसके साथ एक्सप्रेस-वे पर इन जानवरों को पकड़ने के लिए अलग-अलग जगहों पर टीमें भी मौजूद रहेंगी.
आपात स्थितियों से निपटने के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुर्घटनाओं और आपात स्थितियों से निपटने के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम (Life Support System) वाली एंबुलेंस तैयार रखी जाएंगी. साथ में कुछ वाहन ऐसे भी होंगे जो दिन-रात गश्त करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसी यात्री को कोई समस्या न हो.
फाइटर जेट उतारने की भी है व्यवस्था
इन सबके इतर, सरकार ने एक्सप्रेस-वे पर फाइटर जेट उतारने का भी प्रावधान किया है. सुल्तानपुर जिले के कुदेभर में इसका तीन किलोमीटर लंबा रनवे है जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकेगा. आपको बता दें, इस एक्सेस-कंट्रोल्ड सिक्स-लेन एक्सप्रेसवे का विस्तार आठ लेन तक किया जा सकेगा.