scorecardresearch

Exclusive: मिट्टी टेस्टिंग से लेकर बाजार से जोड़ने तक, किसानों को हर समस्या का समाधान दे रहा है यह स्टार्टअप

नोएडा स्थित कृषि स्टार्टअप, Neercare Agro ने किसानों के लिए एक खास वर्कशॉप का आयोजन किया. इसमें National Award विनर किसान, आकाश चौरसिया ने किसानों को मल्टी-लेयर फार्मिंग के गुर और फायदे बताए.

Founders of Neercare Agro Founders of Neercare Agro
हाइलाइट्स
  • किसानों के लिए वर्कशॉप का आयोजन

  • नीरकेयर एग्रो ने की शुरुआत

पिछले कुछ सालों से न सिर्फ किसान और सरकार, बल्कि कुछ निजी संस्थन भी कृषि को एक इंडस्ट्री के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इन प्रयासों का कारण है भारत के एग्रीकल्चर सेक्टर को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाना. क्योंकि जब तक हमारे देश में कृषि भी दूसरी इंडस्ट्रीज की तरह ग्रो नहीं करेगी तब तक न तो देश आगे बढ़ पाएगा और न ही ग्रामीण भारत. 

लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है. क्योंकि कृषि में क्रांति सिर्फ मार्केट लेवल पर नहीं लानी है बल्कि हमें रूट्स से यानी की मिट्टी से जुड़कर काम करना होगा. केमिकल्स के इस्तेमाल से बंजर हो चुके खेतों की मिट्टी को स्वस्थ करने से लेकर, जैविक फसलें उगाने और इन फसलों को प्रोडक्ट के तौर पर देश-दुनिया की मार्केट तक पहुंचाना होगा. और इस काम को करने का बीड़ा उठाया है उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित Neercare Agro ने. 

किसानों के लिए वर्कशॉप का आयोजन
नीरकेयर एग्रो एक कृषि-आधारित स्टार्टअप है जो कृषि पर्यटन (Agro-Tourism), एग्रीटेक सेवाओं (Agritech services), फूलों की खेती (Floriculture) और कृषि कौशल विकास (Agro-skill development) पर काम कर रहा है. यह स्टार्ट-अप यूरोप में उपयोग की जाने वाली तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए भारत और नीदरलैंड में लॉन्च किया गया है.

इसी उद्देश्य के लिए हाल ही में, इस स्टार्टअप ने नेशनल अवॉर्ड विनर, किसान आकाश चौरसिया के साथ किसानों और कृषि विज्ञान के छात्रों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया था. इस वर्कशॉप में आकाश चौरसिया ने किसानों को बताया कि कैसे वे अपने खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारकर, इसके पोषक तत्वों को बढ़ा सकते हैं. और कैसे जैविक तरीकों से मल्टी-लेयरिंग फार्मिंग कर सकते हैं. यह वर्कशॉप किसानों के लिए काफी सफल रही क्योंकि उन्हें नीरकेयर एग्रो के मॉडल फार्म पर जाकर प्रैक्टिकल देखने को मिला. 

आकाश चौरसिया (दाएं) के साथ विवेक खुराना (बीच में) और अंकित खुराना (बाएं)

इस वर्कशॉप के दौरान GNT Digital ने Neercare Agro के को-फाउंडर्स, विवेक खुराना और अंकित खुराना से बातचीत की.  

कृषि क्षेत्र में परेशानियों को देखकर की शुरुआत 
कंपनी के को-फाउंडर, विवेक खुराना ने बताया कि वह पेशे से एक आर्किटेक्ट और डिजाइनर हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बतौर आर्किटेक्ट बहुत बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स बनाई हैं. सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स किए हैं. हालांकि, समय के साथ-साथ उन्हें समझ में आया कि इंसान की आज की जरूरत प्रकृति है. इसलिए उन्होंने कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स लिए जिनमें वह प्रकृति के करीब रहकर काम करें. हालांकि, इस सबके दौरान उन्होंने देखा कि कैसे आज आधुनिकता के चक्कर में हमने अपने कृषि क्षेत्रों और किसानों को हाशिए पर पहुंचा दिया है. 

और यहां से उन्हें प्रेरणा मिली कि जिस प्रकृति और देश से उन्हें इतना कुछ मिला है, उसे कुछ लौटाना भी उनका फर्ज है. इसलिए उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर नीरकेयर एग्रो की शुरुआत की. जिसके जरिए उनका उद्देश्य किसानों को सशक्त करने के साथ-साथ लोगों तक शुद्ध खाना पहुंचाना है ताकि देश में बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं को खत्म किया जा सके. इसके लिए उनका स्टार्टअप अलग-अलग मुद्दों पर काम कर रहा है. 

इन सर्विसेज पर काम कर रहा है स्टार्टअप
बात अगर सर्विसेज की करें तो स्टार्टअप के को-फाउंडर, अंकित खुराना ने बताया कि वे एक अलग एप्रोच के साथ काम कर रहे हैं. नीरकेयर एग्रो न सिर्फ किसानों की बल्कि ग्राहकों की जरूरतों पर भी काम कर रहा है. बात किसानों की करें तो उनके लिए कंपनी मॉडल फार्म तैयार कर रही है. जहां पर मिट्टी टेस्टिंग से लेकर वेदर सिस्टम, खेती के लिए मशीनें आदि तक की सुविधा से किसानों को जोड़ा जाएगा. साथ ही, उन्हें खेती के नए-नए तरीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. उनके मॉडल फार्म्स पर किसानों को क्वालिटी बीज, खाद आदि की सर्विस भी मिलेगी. उन्होंने किसानों को सीधे रिटेलर्स से जोड़ने के लिए My Global Agro App की भी शुरुआत की है. यह एप पूरी दुनिया में किसानों और ग्राहकों को जोड़ेगी. 

शुद्ध उत्पादों पर कर रहे हैं काम

अंकित ने आगे बताया कि अगर कंज्यूमर लेवल पर बात करें तो वे शुद्ध खाना लोगों की प्लेट तक पहुंचाना चाहते हैं. इसके लिए कंपनी फूड प्रोडक्ट्स की रेंज पर भी काम कर रही है. Next-Gen Foods के तहत, उन्होंने ऐसे फूड प्रोडक्ट्स पर काम करना शुरू किया है जो इम्यूनिटी बूस्टर, और सुपरफूड हों. इसके पीछे का उद्देश्य लोगों में बढ़ रही बिमारियों को खाने के जरिए कम और खत्म करना है. क्योंकि शुद्ध खाना ही आपको स्वस्थ बना सकता है. इसके अलावा, वे एग्रो-टूरिज्म, एग्रीटेक, वेयरहाउसिंग आदि सर्विसेज पर भी काम कर रहे हैं. 

फ्लोरीकल्चर के बारे में बात करते हुए, कंपनी की एक और को-फाउंडर और विवेक खुराना की पत्नी, निधि विवेक ने बताया कि फूलों की खेती को भारत में उन्नत बनाने के लिए कंपनी दूसरे देशों से तकनीक शेयरिंग के लिए टाई-अप कर रही है. ताकि भारत में भी फूलों की शेल्फ लाइफ बढ़ सके और दो-तीन दिन रहने वाले फूले दो-तीन हफ्ते तक सही रहें. इससे किसानों को काफी फायदा मिलेगा. 

क्या है वर्किंग मॉडल 
वर्किंग मॉडल के बारे में विवेक और अंकित ने बताया कि वर्तमान में उन्होंने नोएडा में अपना मॉडल फार्म बनाया है. इस फार्म में आसपास के किसानों से जुड़कर उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है. उनका उद्देश्य देश में अलग-अलग जगह ऐसे मॉडल फार्म बनाना और आसपास के किसानों को इन मॉडल फार्म्स से जोड़ना है. ताकि किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से मदद दी जा सके. साथ ही, किसान अपनी जैविक उपज को बेचने के लिए माय ग्लोबल एग्रो एप पर रजिस्टर कर सकते हैं. यहां पर उन्हें सीधा रिटेलर्स से जुड़ने का मौका मिलेगा.

My Global Agro App पर करें रजिस्टर

अंत में विवेक खुराना ने कहा कि धीरे-धीरे उनकी टीम भी गांवों में जाकर किसानों को जागरूक करने की शुरुआत करेगी. किसानों को जाकर नीरकेयर एग्रो की सर्विसेज और एप के बारे में बताया जाएगा ताकि किसान उनकी ट्रेनिंग वर्कशॉप्स में भाग ले सकें और उनकी एप के जरिए आगे बढ़ सकें. हालांकि, अंकित का कहना है कि यह सिर्फ अभी शुरुआत है. उन्हें एक लंबा सफर तय करना है और उन्हें यकीन है कि आने वाले समय में वह भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने में सफल रहेंगे.