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Noida Airport: अब तक 14 मिलियन घंटे हुआ काम, टाइम से तैयार हो जाएगा नोएडा एयरपोर्ट...दिसंबर 2024 में पहली उड़ान

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को IATA की ओर से अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए थ्री लेटर कोड डीएक्सएन (DXN) जारी कर दिया गया है. जब भी हम टिकट बुक करते हैं तो यह तीन लेटर का अंतरराष्ट्रीय कोड हमें दिखाई देता है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरोपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरोपोर्ट

उत्तर प्रदेश के नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का निर्माण कार्य बेहद तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस एयरपोर्ट को बनाने का जिम्मा स्विस कंपनी ज्यूरिख़ इंटरनेशनल को मिली है. ज्यूरिख़ इंटरनेशनल के CEO और COO ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एयरपोर्ट का काम कहां तक पहुंचा है.

बनारस का घाट लगभग बनकर तैयार
सीओओ किरन जैन ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जैसे ही लोग पहुंचेंगे, उन्हें बनारस के घाट की तर्ज पर तैयार एक जगह दिखाई पड़ेगी. सबसे अच्छी बात ये है की बनारस के घाट के तर्ज पर तैयार की जा रही इस जगह तक कोई भी जा सकता है. मतलब ऐसा नहीं है कि सिर्फ पैसेंजर को ही वहां तक जाने की परमिशन होगी बल्कि जो लोग पैसेंजर को लेने या छोड़ने के लिए एयरपोर्ट जा रहे हैं, वह भी यहां तक पहुंच सकते हैं. यहां बैठकर बात कर सकते हैं. एयरपोर्ट का यह हिस्सा लगभग बनकर तैयार हो गया है.

DXN होगा एयरपोर्ट का कोड
IATA (International Air Transport Association) ने नोएडा एयरपोर्ट को कोड असाइन कर दिया है. और यह कोड होगा DXN. गौरतलब है कि IATA दुनिया के सभी एयरपोर्ट को एक खास कोड 'Three Letter Code' जारी करता है. इस कोड के नाम से ही किसी एयरपोर्ट को पूरी दुनिया में जाना जाता है. कोई भी एयरपोर्ट कमर्शियल उपयोग में इसी कोड से जाना जाता है. जब हम प्लेन का टिकट बुक करते हैं तो इस तीन अंकों के कोड की जरूरत पड़ती है.

Noida Airport के अधिकारियों ने बताया की थ्री लेटर्स कोड मिलना एक जटिल प्रक्रिया है. इसमें कई सारे चरणों से होकर गुजरना पड़ता है. हमने तीन कोड उनके सुझाव के रूप में दिए थे और अच्छी बात यह कि उनमें से ही एक कोड हमें अलॉट कर दिया गया. नोएडा एयरपोर्ट के लिए मिले कोड DXN में D का मतलब Delhi, X का मतलब इंटरनेशनल और N का मतलब नोएडा है.

अब तक 14 मिलियन घंटे हुआ काम
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की साइट पर अब तक 14 मिलियन घंटे काम हो चुका है. 7000 से ज्यादा कर्मचारी इस एयरपोर्ट को तैयार करने में लगे हुए हैं. इसमें 450 से ज्यादा हल्की और भारी मशीन एयरपोर्ट की साइट पर काम कर रही है. अब तक 50 हजार मिट्रिक टन से भी ज्यादा कंक्रीट का इस्तेमाल एयरपोर्ट की साइट पर हो चुका है. इतना ही नहीं  25000 मिट्रिक टन से ज्यादा की स्टील का इस्तेमाल साइट पर किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट का काम बेहद तेजी से अपने निर्धारित गति से आगे बढ़ रहा है. उम्मीद की जा रही है दिसंबर 2024 तक एयरपोर्ट का काम पूरा हो जाएगा और 2024 में ही पहली उड़ान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भरी जाएगी.

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