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Aqua Line Extension: नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन का होगा विस्तार, बनेंगे कुल 8 नए स्टेशन...जानिए कैसे ग्रेटर नोएडा-नोएडा और दिल्ली वालों को आने-जाने में होगा फायदा

एक्वा लाइन के नए रूट का एक बड़ा अपडेट सामने आया है. एक्वा लाइन के रूट पर सरकार 1800 करोड़ की लागत से 8 नए स्टेशन बनाने वाली है. इसका मतलब दिल्ली से नोएडा और ग्रेटर नोएडा आने-जाने वाली यात्रियों को खास सहूलियत होगी.

Aqua Line Aqua Line

मौजूदा एक्वा लाइन मेट्रो कॉरिडोर को सेक्टर 142 से बॉटनिकल गार्डन तक एक्सटेंशन होना है. इस पर विचार करते हुए, नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC)ने सैद्धांतिक मंजूरी के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी है. एक्वा लाइन का विस्तार बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ सेक्टर-142 तक किया जाएगा.

11.56 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के तहत कुल आठ स्टेशन आएंगे. सभी मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड होंगे. बॉटनिकल गार्डन एनएमआरसी की एक्वा लाइन और दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा और ब्लू लाइनों के बीच एक इंटरचेंज स्टेशन के रूप में काम करेगा. डीपीआर के मुताबिक इस कॉरिडोर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क यानी एक्वा लाइन, ब्लू लाइन और मजेंटा लाइन आपस में जुड़ जाएंगे.

कौन-कौन से स्टेशन होंगे?
इस मेट्रो कॉरिडोर पर बोटेनिकल गार्डन, नोएडा सेक्टर-44, नोएडा ऑफिस, नोएडा सेक्टर-97, नोएडा सेक्टर-105, नोएडा सेक्टर-108, नोएडा सेक्टर-93, और पंचशील बालक इंटर कॉलेज स्टेशन बनाए जाएंगे. कॉरिडोर का आखिरी स्टेशन सेक्टर-142 होगा जो कि पहले ही बनकर तैयार है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,254.35 करोड़ रुपये है. इस लाइन पर मेट्रो चलने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा से दिल्ली आने-जाने वालों को काफी आसानी हो जाएगी. अभी नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) एक्वा लाइन को संचालित कर रहा है. मेट्रो सेक्टर-51 से शुरू होकर ग्रेटर नोएडा डिपो तक चलती है. दिल्ली से ब्लू लाइन से आने वाले लोगों को ग्रेटर नोएडा जाने के लिए ब्लू लाइन के सेक्टर-52 स्टेशन पर उतरना पड़ता है और वहां से चेंज करना होता है. एक्वा लाइन के सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक एक नई मेट्रो लाइन आएगी. बॉटनिकल गार्डन पर अभी नोएडा-दिल्ली के बीच चलने वाली ब्लू और मजेंटा लाइन के स्टेशन हैं. अब यहां एक्वा लाइन के लिए तीसरा स्टेशन बनाया जाएगा.

कितना लगेगा समय?
NMRC के अधिकारियों के मुताबिक डीपीआर तैयार होने के बाद इसकी मंजूरी में करीब एक साल का साल का समय लगेगा. इसके बाद सबकुछ ठीक रहा तो कॉरिडोर निर्माण के लिए टेंडर निकाले जाएंगे. एजेंसी के चयन के बाद निर्माण शुरू होगा. इसको बनने में करीब चार साल का समय लगेगा. मतलब की कॉरिडोर का काम पूरी होने में करीब पांच साल का समय लगेगा.