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Noida twin towers demolition: बिल्डिंग के अंदर डाले गए 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक...क्यों गिराया जा रहा नोएडा ट्विन टावर ? जानिए क्या है implosion process

नोएडा में विवादास्पद सुपरटेक टावरों को इस सप्ताह के अंत में भारी मात्रा में विस्फोटक और उन्नत तकनीक के माध्यम से ध्वस्त करने की तैयारी है. एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी जिसे बिल्डिंग गिराने की जिम्मेदारी दी गई है.

Noida Twin Tower Noida Twin Tower
हाइलाइट्स
  • सुप्रीम कोर्ट ने किया फैसला

  • 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का हुआ इस्तेमाल

इसी हफ्ते 28 अगस्त को होने वाले नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावरों को जमींदोज करने के लिए उन्नत तकनीक, विस्फोटक के भंडार और वैज्ञानिक तरीको का इस्तेमाल किया जाएगा. 7 दिनों की देरी के बाद इमारतों का तोड़ने का काम रविवार को दोपहर 2:30 बजे शुरू हो जाएगा. विवादास्पद इमारतों के विध्वंस के प्रभारी अधिकारियों के अनुसार, 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों को लगाया गया है, जिनकी मदद से इस महीने बिल्डिंग गिराई जाएगी. कई लोगों के लिए सपनों का घर को अब "भ्रष्टाचार के टावर" कहा जाता है.

सुपरटेक ट्विन टावरों को क्यों गिराया जा रहा है?
उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स के भाग्य का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने किया, जिसने अधिकारियों को 7 दिनों का समय देते हुए 21 अगस्त को इसे तोड़ने का आदेश दिया. अब 28 अगस्त रविवार को बिल्डिंग तोड़ी जाएगी. न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने आवासीय भवन के निर्माण के लिए कंपनी सुपरटेक को जमीन का एक टुकड़ा आवंटित किया था, जिसमें कुल 16 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण को कई शर्तों के तहत मंजूरी दी गई थी.

निर्माण पूरा होने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि टावर बनाते समय कुछ शर्तों को पूरा नहीं किया गया था और टावरों का निर्माण अवैध रूप से किया गया था. अदालत के आदेश के अनुसार, नोएडा द्वारा 26 नवंबर 2009 और 2 मार्च 2012 को टी-16 और टी-17 के निर्माण के लिए दी गई मंजूरी NBR2006,NBR2010 और NBR2005 के तहत न्यूनतम दूरी की आवश्यकता का उल्लंघन है. टावरों को ध्वस्त किया जा रहा है क्योंकि उन्हें "अवैध रूप से निर्मित" किया गया है.

क्या है सुपरटेक ट्विन टावर गिराने का प्रोसेस
एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी जिसे बिल्डिंग गिराने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए इमारतों में छेद किए गए और खंभों को लपेट दिया गया ताकि कोई मलबा न हो. कंपनी ने बाद में इमारतों के अंदर और आसपास के ढांचे को तोड़ दिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है.

इमारत के अंदर 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों के साथ, ट्विन टावरों के अंदर चार्जेस लगाने में 21 दिन लगे. एक बार विस्फोटक लगाने के बाद, इमारत अपने आप गिर जाएगी. इससे धुएं का एक विशाल ढेर निकलेगा जो मीलों तक दिखाई देगा. नोएडा ट्विन टावरों के चारों ओर के दायरे को सुरक्षित किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मलबे और धुएं के बादल कोई नुकसान न पहुंचाएं. इसके लिए आसपास के इलाकों को खाली करा लिया गया है.