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Noida twin towers demolition: जानिए कब होगा ट्विन टावर डिमोलिशन... आसपास के लोगों को लिए क्या किया गया है उपाय, कैसा रहेगा ट्रैफिक प्लान     

Noida twin towers demolition: नोएडा के ट्विन टावर को 28 अगस्त को गिरा दिया जाएगा. उस दिन के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. इसे लेकर नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक और सेंट्रल जोन के डीसीपी तैयारियों का जायजा भी लिया है. बता दें, इससे आसपास के लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्लान भी बनाया गया है.

ट्विन टावर ट्विन टावर
हाइलाइट्स
  • पुलिस प्रशासन ने आसपास रहने वालों के लिए बनाया प्लान

  • सुपरटेक ट्विंस टावर के बेहद नजदीक दो हाउसिंग सोसायटी हैं

28 अगस्त रविवार की दोपहर नोएडा के ट्विन टावर के डिमोलिशन का वक्त तय किया गया है. महज 12 सेकंड में 32 मंजिला इमारत जमीदोज हो जाएगी. हालांकि, इसके पीछे कई महीनों की मेहनत और लाखों का खर्च भी शामिल है. अब तक की बात करें, तो दोनो टावर में बारूद लगने का काम पूरा हो गया है. इसी सिलसिले में मंगलवार की सुबह नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक और सेंट्रल जोन के डीसीपी तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे. विस्फोट से पहले आसपास की सड़कों को बंद कर दिया जाएगा. दोनो टावर के आस पास बड़ी संख्यां में सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे.

पुलिस प्रशासन ने आसपास रहने वालों के लिए बनाया प्लान

बता दें, ब्लास्ट वाले दिन यानी 28 अगस्त को आसपास की सोसायटी में आने वाले घरेलू नौकरों या उन सोसायटी में काम करने वालों को सुबह साढ़े छह बजे तक सोसायटी खाली करनी होगी. इसके ठीक आधे घंटे बाद यानी 7 बजे बिजली पानी बंद कर दिया जाएगा. इसके अलावा प्रशासन की तरफ से ये भी कहा गया है कि घर से निकलते वक्त गैस को जरूर बंद करे और बिजली के मेन स्विच को भी बंद कर दें.

सुपरटेक ट्विंस टावर के बेहद नजदीक दो हाउसिंग सोसायटी हैं. इनमें सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी शामिल हैं. इन दोनों हाउसिंग सोसायटी में करीब 7,000 परिवार रह रहे हैं.

ट्विन टावर में कितने होल में कितना लगा बारूद?

करीब 40 मंजिला इमारत को ब्लास्ट कर जमीदोंज करने वाली एडिफिस और साउथ अफ्रीका की जेट कंपनी के चीफ इंजीनियर का कहना है कि इसमें कुल 9640 होल किए गए हैं. जिसमें तकरीबन 3 हजार 700 किलो बारूद लगाया गया है. एक होल में इतना बारूद डाला गया जितना कि वो सही से जिस कॉलम में डाला जाए उसे फाड़ सके.

एहतियातन उठाए गए कदम

अपेक्स टावर की ऊंचाई कुल 32 मंजिल की है जबकि सियान की ऊंचाई 29 मंजिल है. दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने का काम पूरा कर लिया गया है. विस्फोटक का कनेक्शन होना अभी बाकी है. गुरुवार तक कोशिश है कि विस्फोटकों के बीच कनेक्शन पूरा कर लिया जाए. इसके बाद फिर जांच की जाएगी कि कनेक्शन सही हुए हैं या नहीं. यह काम पूरा हो जाने के बाद अलग-अलग सरकारी एजेंसियां, जिसमें नोएडा अथॉरिटी भी शामिल है इसकी जांच करेगा.

अगर सब कुछ ठीक रहा तो रविवार 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे इन दोनों टावरों को गिरा दिया जाएगा. इसके पहले बगल के टावरों एनरोल्ड और एटीएस में रहने वालों को शिफ्ट किया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. टावर के चारों ओर करीब 500 मीटर के दायरे को जनजीवन रहित किया जाएगा. इस दायरे में रहने वाले लोगों, जानवरों और तमाम दूसरे क्रियाकलाप को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए बंद किया जाएगा.

इतना ही नहीं ब्लकि ट्विन टावर के चारों दिशा में एमराल्ड कोर्ट के सहारे निर्मित सड़क तक, दक्षिण दिशा में दिल्ली को ओर जाने वाले एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन तक, पूर्व में सृष्टि और एटीएस विलेज के बीच सड़क तक, पश्चिम में पार्क से जुड़े फ्लाईओवर तक नाकाबंदी की जाएगी.

कैसे होगा ट्रैफिक डायवर्जन?

नोएडा के डीसीपी ट्रैफिक गणेश साहा के मुताबिक,

-सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त 2022 को दोपहर के 2 बज के 30 मिनट पर ब्लास्ट किया जाएगा.

-ब्लास्ट के वक्त दोपहर 2.15 से 2.45 तक यमुना एक्सप्रेसवे को बंद रखा जाएगा.

-यमुना एक्सप्रेस के बंद होने पे महामाया फ्लाईओवर से रूट को डायवर्ट किया जाएगा.

 -इसके अलावा आसपास की कनेक्टिंग सड़कों को भी बंद कर दिया जाएगा.

ध्वस्तीकरण के समय आपातकालीन सेवाएं और पुलिस बल रहेगा मौजूद

दोनो टॉवर के ध्वस्तीकरण के समय आपातकालीन सेवाएं मौके पर तैनात रहेंगी. जिस समय सुपरटेक के ये ट्विन टावर गिराए जायेंगे, उस दौरान मौके पर आपातकालीन सुविधाएं जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस पिकेट स्थापित की जाएगी. सुरक्षा इंतजामों के लिए 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी, पीएसी और फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारी व अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. वहीं गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर रैंक के पांच अफसरों को ध्वस्तीकरण के दौरान मौके पर तैनात करने की योजना बनाई है.

ध्वस्तीकरण के बाद में क्या होगा?

एक बार जब यह दोनों टावर गिरा दिए जाएंगे उसके बाद सीबी आरआई की टीम आसपास के टावरों का परीक्षण करेगी. अगर टावर सुरक्षित रहे और परीक्षण में किसी तरीके की कोई कमी नहीं पाई गई तब पहले सिर्फ सीढ़ी से ही लोगों को जाने की अनुमति होगी. लिफ्ट को खाली चलाकर पहले उसकी जांच की जाएगी, बिजली की जांच की जाएगी, गैस कनेक्शन चेक किए जाएंगे, टावर के पिलर की जांच की जाएगी फिर कहीं जाकर निवासियों को अपने घरों में जाने की अनुमति दी जाएगी.

(हिमांशु मिश्रा/ भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट)