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Fog in Winter: सर्दियों में कोहरा क्यों बनता है, जानिए कुहासा से कैसे है यह अलग ?  

उत्तर भारत के राज्य ठंड से ठिठुर रहे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों तक मौसम में बदलाव होने की संभावना नहीं है. समोवार को कोहरा छाने से वाहन चालकों समेत आम लोगों को काफी परेशानी हुई.

कोहरे से होकर गुजरती ट्रेन. कोहरे से होकर गुजरती ट्रेन.
हाइलाइट्स
  • अभी पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड है जारी 

  • घने कोहरे में दृश्यता एक किमी से भी कम हो जाती है

अभी पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड जारी है. मौसम विभाग ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत देश के कई राज्यों में कोल्ड डे की स्थिति बरकरार रहने की संभावना जताई है. सोमवार को दिल्ली-एनसीआर समेत कई जगहों पर कोहरा छाया रहा. इससे लोगों को काफी परेशानी हुई. आइए आज जानते हैं कि कोहरा क्यों बनता है और यह कुहासा से कैसे अलग होता है ?

कोहरा एक तरह का जलवाष्प है
कोहरा एक तरह का जलवाष्प है. हवा एक निश्चित मात्रा में जलवाष्प या गैसीय अवस्था में पानी को रोको रख सकती है. जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा पानी हवा में भरता है. हवा और अधिक नम हो जाती है. हवा में जलवाष्प की मात्रा को मोश्चर के रूप में जाना जाता है. जब जलवाष्प पूरी तरह से हवा को Saturated करने लगता है. तो पानी की बूंदें  Condensed होने लगती हैं या फिर गैस से वापस तरल में बदल जाती हैं तो तरल की ये बूंदें हवा में निलंबित हो जाती हैं और एक मोटी धुंध के रूप में दिखाई देती हैं, जिसे कोहरे के रूप में जाना जाता है. तकनीकी रूप से बूंदों के रूप में संघनित जलवाष्प के बादल को कोहरा कहा जाता है. यह वायुमंडल में जमीन की सतह के थोड़ा ऊपर ही फैला रहता है. किसी घने कोहरे में दृश्यता एक किमी से भी कम हो जाती है. इससे अधिक दूरी पर स्थिति चीजें धुंधली दिखाई पड़ने लगती हैं.

कैसे बनता है कोहरा ?
हवा के तापमान और ओस बिंदु के बीच का अंतर 2.5 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर कोहरा बनता है. जब हवा में निलंबित किए गए छोटे तरल पानी की बूंदों में जल वाष्प संघनित होता है, तो कोहरा बनना शुरू हो जाता है. सर्दियों में पृथ्वी की सतह के पास की गर्म हवा में मौजूद जलवाष्प ऊपर मौजूद ठंडी हवा की परतों से मिलकर जम जाती है. इस प्रक्रिया को सघनन (कंडेन्शन) कहते है. जब हवा में बहुत ज्यादा कंडेन्शन हो जाता है तो यह भारी होकर पानी की नन्हीं-नन्हीं बूंदों में बदलने लगती है. आसपास की अधिक ठंडी हवा के सपर्क में आने पर इसका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है. इसी को मौसम वैज्ञानिक कोहरा बनना कहते है. 

धुंध
जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होता है तो उसे धुंध (स्‍मॉग) कहते हैं. कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है बस दृश्‍यता का अंतर होता है. यदि दृश्‍यता की सीमा एक किमी या इससे कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं.

कोहरा और कुहासा में अंतर
कोहरा और कुहासा दोनों हवा के निलंबित कणों पर जल की सूक्ष्म बूंदों से बने होते हैं. इनमें जल की सूक्ष्म बूंदों के घनत्व के कारण अंतर होता है. कुहासे की तुलना में कोहरे में जल की सूक्ष्म बूंदें अधिक होती हैं.