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Delhi Pollution: केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं इस 7 शहरों में भी बढ़ा प्रदूषण, कहीं आपका शहर भी तो नहीं है शामिल

दिल्ली-एनसीआर के अलावा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी प्रदूषण के हालात जस के तस बने हुए हैं. शनिवार शाम यूपी के सात शहरों में एक्यूआई काफी ज्यादा बढ़ा रहा.

केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं इस 7 शहरों में भी बढ़ा प्रदूषण केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं इस 7 शहरों में भी बढ़ा प्रदूषण
हाइलाइट्स
  • सात शहरों में बढ़ा एक्यूआई

  • लखनऊ में भी बिगड़े हालात

दिल्ली-एनसीआर में तो प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन खराब ही होता जा रहा है. साथ ही साथ वायु प्रदूषण का खतरा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी फैल गया है. जहां शनिवार की रात सात शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' और चार में 'बहुत खराब' दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बात की जानकारी दी है.

सात शहरों में बढ़ा एक्यूआई
357 के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ नोएडा राज्य के चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद मुजफ्फरनगर (332), गाजियाबाद (322), और ग्रेटर नोएडा (312) का स्थान है. खराब वायु गुणवत्ता वाले सात शहरों में झांसी (277), प्रयागराज (275), बागपत (270), कानपुर (236), मेरठ (225), लखनऊ (216), और बुलंदशहर (219) शामिल हैं.

लखनऊ में भी बिगड़े हालात
हालांकि, राज्य के किसी भी शहर ने 'गंभीर' के निशान को पार नहीं किया, जैसा कि शनिवार को हुआ था. लखनऊ में केवल कुकरैल की हवा 'मध्यम' रही. उत्तर प्रदेश की राजधानी में शनिवार को एक्यूआई 216 दर्ज किया गया जो शुक्रवार को दर्ज किए गए 290 के एक्यूआई की तुलना में थोड़ा बेहतर था.

लखनऊ में अलग-अलग जगहों पर क्या रहा एक्यूआई
हालांकि, लखनऊ तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र में पांच स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थापित पांच निगरानी स्टेशनों के अनुसार, औसत एक्यूआई 334 दर्ज किया गया था. शनिवार को दोपहर 12 बजे यह अधिकतम 379 पर पहुंच गया. लालबाग में एक्यूआई 261 था, सेंट्रल स्कूल क्षेत्र में यह 220 और बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में एक्यूआई 165 दर्ज किया गया था. केवल कुकरैल पिकनिक स्पॉट और गोमती नगर में क्रमशः 147 और 159 के साथ मध्यम एक्यूआई दर्ज किया गया था.

कैसे मापा जाता है एक्यूआई
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई स्तर को "अच्छा" माना जाता है, 51-100 को "संतोषजनक", 101-200 को "मध्यम", 201-300 को "खराब", 301-400 को "बहुत खराब" और 401-500 के बीच "गंभीर" माना जाता है. वायु की विषाक्तता को PM2.5 (फाइन पार्टिकुलेट मैटर), PM10 (पार्टिकुलेट मैटर), NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) और SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड) सहित प्रदूषकों की उपस्थिति से मापा जाता है.