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Delhi Electric Vehicle Scheme: 90 दिन में लाइसेंस अनिवार्य, एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान.... दिल्ली की नई कैब एग्रीगेटर पॉलिसी को समझिए

Delhi Cab Aggregator Scheme: दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. ये योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है.

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दिल्ली में बाइक टैक्सी का रास्ता साफ हो गया है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके तहत दिल्ली में ऐप आधारित कैब और डिलीवरी सर्विस देने वाले एग्रीगेटर्स को अपनी गाड़ियों को एक तय सीमा में इलेक्ट्रिक में बदलना होगा. नई पॉलिसी के मुताबिक 90 दिनों के भीतर लाइसेंस लेना अनिवार्य है. इस पॉलिसी में गाड़ी की सफाई, चालक व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों के समय पर समाधान को लेकर गाइडलाइंस शामिल हैं.

90 दिन के भीतर लाइसेंस अनिवार्य-
इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में ऑपरेटर्स को नोटिफिकेशन जारी होने के 90 दिनों के भीतर लाइसेंस लेना होगा. लाइसेंस लेने वाले ऑपरेटर्स को साल 2030 तक अपनी गाड़ियों को 100 फीसदी इलेक्ट्रिक में बदलना होगा. नियम के उल्लंघन पर 5 हजार से एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी है. ये लाइसेंस 5 साल के लिए वैध होगा. जिसें वार्षिक शुल्क लागू होगा.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर फीस नहीं-
इस पॉलिसी के तहत सभी एग्रीगेटर्स को सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी संचालित करने की इजाजत दी जाएगी. इसके साथ ही योजना में सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर कोई फीस नहीं लगेगी. पॉलिसी के तहत कैब एग्रीगेटर को भी 5 साल में सभी वाहन इलेक्ट्रिक करने होंगे. जबकि बाइक टैक्सी को शुरू से ही इलेक्ट्रिक रखना होगा. इसके अलावा दो साल से कम पुराने वाहनों के लिए 50 फीसदी की छूट का प्रावधान है. इस पॉलिसी में किराए को लेकर कुछ भी साफ नहीं किया गया है.

मुसाफिरों की सेफ्टी पर फोकस-
इस पॉलिसी में मुसाफिरों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है. इस योजना में उन सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा, जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन हैं. इसमें पॉलिसी में बसों को शामिल नहीं किया गया है. इसमें सिर्फ दो पहिया, 3 पहिया और 4 पहिया गाड़ियां शामिल हैं. ये पॉलिसी उन एग्रीगेटर्स पर लागू होगी, जो ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम से कस्टमर्स से जुड़ते हैं.

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