वंदे भारत एक्सप्रेस में आने वाले वक्त में आप और ज्यादा तेज रफ्तार से सफर का आनंद उठा पाएंगे. इस ट्रेन की रफ्तार बढ़ने से आपके सफर के समय में भी बचत होगी. अभी जितनी देर में आप अपना सफर पूरा करते होंगे. उससे कहीं जल्दी आप अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे.
एल्युमिनियम से बनेगी वंदे भारत
ये संभव होगा वंदे भारत ट्रेन के कोच बनाने में एल्युमिनियम के इस्तेमाल से. एल्युमीनियम के इस्तेमाल से ट्रेन का वजन कम होगा और साथ ही इसे कम बिजली की खपत में तेज रफ्तार से दौड़ाना भी संभव हो सकेगा. देश की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन के साथ ये प्रयोग होने जा रहा है. खास बात ये है कि इसके लिए दो कंपनियां बोली भी लगा चुकी हैं. दाखिल की गई तकनीकी बोली का गुरुवार को मूल्यांकन किया जाएगा और उसके बाद वित्तीय बोली मांगी जाएगी. जिससे कॉन्ट्रैक्ट पाने वाला तय हो सकेगा.
20 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ेगी रफ्तार
एल्युमिनियम से बनी वंदे भारत ट्रेनें जब पटरियों पर दौड़ने लगेंगी. तो उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी रफ्तार करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की बढ़ोतरी हो जाएगी. मौजूदा वक्त में वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे है. अभी वंदे भारत ट्रेन बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं करती है. लेकिन आगे इसे लंबी दूरी के लिए चलाने की भी योजना है. जिसके लिए स्लीपर कोच की जरूरत होगी. 2024 की पहली तिमाही तक पहला स्लीपर वर्जन वंदे भारत ट्रेन पटरी पर लाने का रेलवे का लक्ष्य है.
स्लीपर वर्जन में भी बनाई जाएगी वंदे भारत
मौजूदा वक्त में चल रही सभी वंदे भारत ट्रेनें चेयर कार वाली हैं. जिसमें सिर्फ बैठकर यात्रा की जा सकती है. लेकिन स्लीपर वर्जन में सोने के इंतजाम होने से. सफर में और ज्यादा सुविधा होगी. अगले कुछ साल में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है. जिनमें 200 ट्रेनें स्लीपर कोच के साथ तैयार होंगी.
एल्युमिनियम की ट्रेनों से मिलेंगे कई फायदे
अभी तक देश में स्टैनलैस स्टील से ट्रेनें बनाई जाती हैं, जो वजन में भारी होती हैं. एल्युमिनियम की ट्रेनें स्टील की ट्रेन से हल्की होंगी. साथ ही उसमें बिजली की खपत भी कम होगी. साफ है कि पटरियों पर जब एल्युमिनियम के इस्तेमाल से बनीं ट्रेनें दौड़ेंगी, तो उसकी रफ्तार भी तेज होगी. साथ में एनर्जी की खपत भी कम होगी. 2 कंपनियों ने ऐसी ट्रेन के निर्माण में दिलचस्पी दिखाई है और उनमें से किसे कॉन्ट्रैक्ट मिलता है. ये जल्द ही तय हो जाएगा.
ट्रेन के निर्माण में कई कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
अभी तक देश में स्टेनलैस स्टील से ट्रेनों का निर्माण होता आया है. लेकिन अब स्टील के बदले एल्युमिनियम के इस्तेमाल से ट्रेन बनाने की तैयारी हो रही है. एल्युमिनियम से ट्रेन के निर्माण में दो कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. दो कंपनियों में एक हैदराबाद की कंपनी है जो स्विस कंपनी के साथ मिलकर ट्रेन का निर्माण करना चाहती है. हैदराबाद की सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड ने स्विस कंपनी स्टेडलर के साथ मिलकर बोली लगाई है. वहीं फ्रांस की रेलवे क्षेत्र की मल्टीनेशनल कंपनी एल्सटॉम बोली लगाने वाली दूसरी कंपनी है. एल्युमिनियम की 100 वंदे भारत ट्रेन के लिए ये बोली लगाई गई है.
कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली कंपनी ट्रेन बनाने से लेकर 35 साल तक रखरखाव का जिम्मा भी उठाएगी. दोनों कंपनियों ने 30 हजार करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए बोली लगाई है. ट्रेन देने के समय कंपनी को 13 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. 17 हजार करोड़ रुपये की रकम 35 साल बाद कंपनी को मिलेगी.