नृपतुंग यूनिवर्सिटी (Nriptung University)में बाहर के छात्रों को अब मुफ्त मिड-डे मील दिया जाएगा. इसके लिए छात्रों को एक कूपने लेना पड़ेगा और इसे अपनी कैंटीन में देकर वह खाना खा सकेंगे. इसमें चावल सांभर से लेकर मुड्डे सांभर तक मुफ्त में भोजन का लाभ मिलेगा.
यह पहल नव स्थापित नृपतुंगा विश्वविद्यालय (पूर्व में सरकारी विज्ञान महाविद्यालय) के लेक्चरर द्वारा शुरू की गई थी, जो अपने छात्रों के लिए कार्यक्रम को फाइनेंस कर रहे हैं. शिक्षकों ने 250 ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की पहचान की है, जिन्हें इस सेमेस्टर में मुफ्त भोजन दिया जाएगा.
प्रत्येक लेक्चरर ने 5,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच दिए हैं, जोकि तीन महीने (एक सेमेस्टर) तक चलेगा. उनका कहना है कि अगर ज्यादा पैसे उन्हें मिलते हैं तो इस कार्यक्रम में ज्यादा छात्रों को जोड़ा जाएगा.
नृपतुंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रशासन ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय में इस तरह के कार्यक्रम चलाए गए हैं. हर साल लगभग 300-500 ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को भोजन कार्यक्रम के लिए चुना जाता है.
'महामारी की वजह से नहीं हो सकी थी कार्यक्रम की शुरुआत'
उन्होंने कहा कि हालांकि 2020 में महामारी और लॉकडाउन की वजह से यह कार्यक्रम नहीं हो सका था, जबकि छात्र भी बड़े पैमाने पर ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हुए. अब कॉलेज के छात्र नियमित कक्षाओं के लिए परिसर में वापस आ गए हैं, इसलिए विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को फिर से शुरू करने का फैसला किया है.
ऐसे की जाती है छात्रों की पहचान
कविता ने कहा कि कार्यक्रम के लिए छात्रों की पहचान उनके घर से कॉलेज तक की यात्रा की दूरी के आधार पर की जाती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से हैं और जिनकी शुरुआती कक्षाएं हैं.
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