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जनजातियों का विश्वकोश जारी करने वाला पहला राज्य बना ओडिशा, सीएम पटनायक ने किया 5 संस्करणों का विमोचन

देश में पहली बार किसी राज्य ने अपने यहां की जनजातियों का इनसाइक्लोपीडिया शेयर किया है. जी हां, ओडिशा ऐसा करने वाला पहला राज्य है. इस विश्वकोश के 5 संपादित संस्करण लॉन्च किए गए हैं.

CM Naveen Patnaik releases Encyclopaedia of Tribes in Odisha CM Naveen Patnaik releases Encyclopaedia of Tribes in Odisha
हाइलाइट्स
  • देश में पहली बार हुआ कुछ ऐसा

  • सीएम पटनायक ने किया 5 संस्करणों का विमोचन

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को संग्रहालय परिसर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान और ओडिशा राज्य जनजातीय संग्रहालय द्वारा प्रकाशित "ओडिशा में जनजातियों के विश्वकोश" (Encyclopaedia of Tribes in Odisha) के 5 संपादित संस्करणों का विमोचन किया. 

सीएमओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सभी जनजातियों का विश्वकोश प्रकाशित करने वाला अब तक ओडिशा एकमात्र राज्य है. इन सभी पांच संपादित संस्करणों में 3800 पेज और 418 रिसर्च पेपर शामिल हैं, जिनमें सभी 62 अनुसूचित जनजाति समुदायों और 13 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को शामिल किया गया है. 

सीएम पटनायक ने की सराहना

Museum


इस तरह के दुर्लभ और प्रभावशाली प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक निश्चित रूप से सभी शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और राज्य के आदिवासी समुदायों के बारे में जानने के इच्छुक लोगों के लिए अच्छा भंडार होगी, और संस्थान के काम की सराहना भी की.

इनसाइक्लोपीडिया के 418 लेख पिछले छह दशकों में आदिवासी पत्रिका और अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं. संपादन, संकलन और पुनर्प्रकाशन का यह विशाल कार्य पिछले 4 सालों की अवधि में SCSTRTI के निदेशक, प्रो. ए.बी. ओटा और उनके सलाहकार, एस.सी.मोहंती ने पूरा किया है. 

किया म्यूजियम का दौरा

CM visited the galleries of the museu


सीएम पटनायक ने संग्रहालय की गैलरीज का भी दौरा किया और पीवीटीजी संग्रहालय में नई जोड़ी गई प्रोजेक्शन मैपिंग यूनिट की सराहना की. विशेष रूप से, जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय समुदायों के उत्कृष्ट कला और शिल्प के दुर्लभ प्रकार के संग्रह हैं. और इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ इंटरैक्टिव एथनोग्राफिक म्यूजियम्स में से एक माना जाता है। 

मुख्यमंत्री ने 2001 में जनजातीय संग्रहालय और 2009 में दूसरे संग्रहालय का उद्घाटन किया था, जो विशेष रूप से पीवीटीजी को समर्पित है. मुख्यमंत्री ने 2018 में संग्रहालय को ओडिशा राज्य जनजातीय संग्रहालय का दर्जा दिया था.