केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) या सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old pension Scheme) लागू करने को मंजूरी देने का फैसला लिया है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Hight Court) ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को 'भारत संघ के सशस्त्र बल' माना है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी क्योंकि ये सशस्त्र बल हैं."
पुरानी पेंशन को मंजूरी
जस्टिस सुरेश कैत और नीना बंसल की बेंच ने 82 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सीएपीएफ में भर्ती होने वाले और आने वाले समय में जितने भी लोग होंगे, वे सभी पुरानी पेंशन के दायरे में आएंगे. हालांकि फैसले की विस्तृत कॉपी अभी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है. लेकिन घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने पुष्टि की है कि दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला केंद्रीय बलों के लिए एक बड़ा बदलाव है.
2020 में दायर की गई थी याचिका
गौरतलब है कि इसी तरह के एक मामले में फरवरी 2020 में हाई कोर्ट ने CRPF के एक कर्मचारी की पेंशन के संबंध में सेना, नौसेना और वायु सेना जैसा व्यवहार करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था. इसी के संबंध में कई दूसरे कर्मियों ने भी हाई कोर्ट में कई अन्य याचिकाएं दायर की थीं. याचिका में कहा गया था कि गृह मंत्रालय के तहत आने वाले बलों को पुरानी पेंशन योजना से बाहर करना भेदभावपूर्ण और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन है.
केंद्र सरकार कई मामलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं थी. पुरानी पेंशन का मुद्दा भी इसी चक्कर में फंसा हुआ था. पहली जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती हुए सभी कर्मियों को पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर दिया गया था. सीएपीएफ को भी सिविल कर्मचारियों के साथ पुरानी पेंशन से बाहर कर दिया. CAPF को एनपीएस यानि नई पेंशन योजना में शामिल कर दिया गया. उस वक्त सरकार का मानना था कि देश में सेना, नेवी और एयर फोर्स ही सशस्त्र बल हैं.
सीएपीएफ भी भारत के सशस्त्र बलों में शामिल
बीएसएफ एक्ट 1968 में कहा गया है कि इस बल का गठन भारत संघ के सशस्त्र बल के रूप में किया गया था. इसी तरह सीएपीएफ के बाकी बलों जैसे CRPF, SSB, ITBP का गठन भी भारत संघ के सशस्त्र बलों के रूप में हुआ है. कोर्ट ने माना है कि सीएपीएफ भी भारत के सशस्त्र बलों में शामिल हैं. इस लिहाज से उन पर भी एनपीएस लागू नहीं होता. सीएपीएफ में कोई व्यक्ति चाहे आज भर्ती हुआ हो, पहले हुआ हो या भविष्य में हो, वह पुरानी पेंशन का पात्र रहेगा.
(कनु सारदा और संजय शर्मा की रिपोर्ट)