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गंगा के 10 किमी के दायरे में अब होगी केवल ऑर्गेनिक खेती, नमामि गंगे के तहत किसानों को दी जा रही ट्रेनिंग

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga)के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि हम उन किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो गंगा नदी के करीब 10 किसी में खेती करते हैं.

खेती करते किसान (सांकेतिक तस्वीर) खेती करते किसान (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • गंगा की स्वछता केंद्र सरकार की प्राथमिकता

  • नमामि गंगे के तहत बहेगी अविरल गंगा की धारा

गंगा की साफ-सफाई और उसकी स्वछता को लेकर लगातार केंद्र सरकार प्रयास कर रही है. सरकार का उद्देश्य है कि नमामि गंगे के तहत अविरल गंगा की धारा बहे. इसी के तहत अब राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने फैसला लिया है कि गंगा के 10 किमी के दायरे में अब किसान केवल ऑर्गेनिक खेती करेंगे. 

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि हम उन किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं जो गंगा नदी के करीब 10 किसी में खेती करते हैं. उन्होंने किसानों को कैमिकल नहीं प्रयोग करने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि एक्सपर्ट इन किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग की बारीकी सीखा रहे हैं 

गंदे पानी का होगा रियूज 

अशोक कुमार ने बताया कि कई लोगों ने इस पहल में जुड़कर इस मुहिम को आपनाया है. उनकी कोशिश है कि गंगा के आसपास खेती करने वाले सभी ऑर्गेनिक फार्मिंग ही करें. इसके अलावा सरकार ने एक नई कोशिश की है इसमें गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नाले से निजात पाने के लिए योजना पर काम शुरू किया जा रहा है, इसके तहत गंदे पानी को साफ किया जाएगा और बाद में इसी पानी को किसानों को खेती के लिए दिया जाएगा. 

पिछले कुछ सालों में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सरकार ने करीब 75 एसटीपी तैयार किए हैं. सरकार का मानना है कि गंदे पानी को ट्रीट किया जाएगा और गंगा के आस-पास खेती करने वाले किसानों को बेचा जाएगा. इससे एक तो गंगा की अविरल धारा पर असर नहीं पड़ेगा औऱ दूसरा खराब पानी गंगा नदी में नहीं जाएगा. 

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